[smartslider3 slider=2] अनु रामदास (Anu Ramdas) कुछ समय पहले की बात है जब मैं एक शूद्र संत-कवि सरलादास द्वारा लिखित उड़िया महाभारत के अनुवाद की तलाश कर रही थी. द शेयर्ड मिरर पर सरला की गंगा पर केंद्रित एक अंश को पोस्ट करने के लिए उत्सुक थी. इसलिए मैं पुस्तकालय और इंटरनेट पर इन पर हुई खोजों को इकठ्ठा करने […]
आप इसे भी पितृसत्ता कैसे कह सकते हैं…?
जूपाका सुभद्रा (Joopaka Subadra) जूपाका सुभद्रा की बातचीत का यह दूसरा भाग है जो उन्होंने भारत नास्तिका समाजम और साइंटिफिक स्टूडेंट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित एक बातचीत में रखा था. — सवर्ण महिलाओं का कहना है कि वे अपने घरों में अपने बच्चों की गंदगी साफ करती हैं. फिर इन महिलाओं के बारे में क्या जो अपने घरों के बाहर सभी […]
पितृसत्ता, नारीवाद और बहुजन महिलाएं
जूपाका सुभद्रा (Joopaka Subadra) जूपाका सुभद्रा से बातचीत का यह (पहला) भाग भारत नास्तिका समाजम और साइंटिफिक स्टूडेंट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित एक बातचीत में उन्होंने रखा था. आज मैं जिस विषय पर बात करने जा रही हूँ, वह है ‘पितृसत्ता, नारीवाद और बहुजन महिलाएँ’! नारीवादियों के अनुसार, नारीवाद, महिलाओं और पुरुषों के बीच, समानता को लेकर है, और, समानता के लिए है. वे कहती हैं, सभी महिलाएं […]
पाताल लोक, और स्वर्ग लोक में पसरी सड़ाँध (समीक्षा)
इस्तिखार अली (Istikhar Ali) हाल ही में, अमेज़न प्राइम पर पाताल लोक, एक वेब सिरीज़ रिलीज हुआ जो तुरंत चर्चा में आ गया. इसकी तुलना दर्शक ‘सेक्रेड गेम्स’ से भी कर रहे है। पाताल लोक दर्शकों पर अलग छाप छोड़ रहा है। मुख्यतः इसने हिन्दी भाषा बोलने-समझने वाले समाज में बहुत से लोगों का ध्यान अपनी और खींचा है. जिस […]
घेटोअ गॉस्पेल (Ghetto Gospel)
राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple) पुल की दायीं तरफ नयी रंगीन बीस मंजिला ईमारत बनी थी रात को आसमान के तारे ईमारत पे उतर आते थे बिल्डर ने पारधियों की झोंपड़ियाँ हटाके, सिर्फ ज़मीन ही थोड़ी ना खरीदी थी! हमारे बस्ती के किनारे लगे रिंग रोड पे चढ़के देखना सरकार ने बिल्डर को पूरा आसमां बेच दिया था श्याम होते […]
सुपर हीरो की दुनिया में नस्लवाद: ‘वॉचमेन’ की समीक्षा
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) 31 मई 1921 की बात है, जिला ग्रीनवुड (Greenwood district) के ओक्लाहोमा (Oklahoma) में स्थित टुल्सा (Tulsa) के एक सिनेमाघर में एक बच्चा फ़िल्म देख रहा है. फ़िल्म का नायक एक नकाबपोश काला हीरो है. जो गोरों की जान बचाता है, सभी उससे प्यार करते हैं. बच्चा उस हीरो को देख कर फ़िल्म का आनंद ले […]
भीम जीवन कथा (कविता)
दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) महाराष्ट्र का गाँव अंबावडे, अंबावडे में रहते सकपाल घर उनके जन्मा एक बालक, आगे चल जिसने किये कमाल। चौदह अप्रैल अठारह सौ इक्यानवे, जिस पल भीम का जन्म हुआ चौदहवीं सन्तान भीमा ने पाई, भीम था उसको नाम दिया।। हष्ट-पुष्ट और चंचल बालक, अति बुद्धि और ज्ञानवान पढ़ाई में बिल्कुल अव्वल […]
अछूतों की बस्ती
राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple) बीफ की दो बोटियाँ तोड़ के आधा गीला शरीर घर के उस कोने की तपी दिवार पे रख के बीड़ी के दो कश लगाना सुकून भरा तो रहा होगा हम्म हम्म करते हुए बच्चों की बस आधी बात सुनके हर रोज़ गहरी नींद में डूब जाना आदत थी? या उन् निक्कमे साइकिल रिक्शा के दो […]
1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान- पुस्तक समीक्षा
वाल्मीकियों के अदम्य साहस की साक्षी पुस्तक – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) पुस्तक का नाम – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान लेखक – डॉ.प्रवीन कुमार कुल पृष्ठ – 80 (अस्सी) मूल्य – 60 (साथ रूपये) प्रथम संस्करण – 2019 प्रकाशक – कदम प्रकाशन दिल्ली – 110086 जो […]
साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस: पुस्तक समीक्षा
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) किताब: साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस लेखक: विभूति नारायण राय प्रकाशक: राधाकृष्ण पेपरबकैस तीसरा संस्करण: 2016, पेज: 165 मूल्य: 150₹ इस बात को साफ़-साफ़ समझ लें ‘दंगे’ साम्प्रदायिकता परिणाम होते हैं, साम्प्रदायिक मानसिकता का अंतिम फल होते हैं. सब से पहले आपके विचार हिंसक होते हैं फिर वह हिंसा आप के व्यवहार में आती है. यही […]