फेडरल सिस्टम वेंटीलेटर पर है

निखिल कुमार (Nikhil Kumar) तकनीकी रूप से भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है जिसे अंग्रेजों से आज़ाद करवाने के लिए लाखों लोगों ने बलिदान दिया है. वे लोग अलग अलग क्षेत्रों से और विविध पृष्ठभूमियों से थे. विरोध की कई अलग अलग धाराएं बह रही थीं. सभी धाराओं में भले ही गोरों के बस्तिवाद का विरोध था लेकिन […]

वर्ष 2021 मान्यवर के बहुजन आंदोलन के लिए बेहद अहम

satvendra madara

सतविंदर मनख (Satvinder Manakh) 15 मार्च 2021 को साहेब कांशी राम का 87वां जन्मदिन, “बहुजन समाज दिवस” के तौर पर भारत समेत पूरी दुनिया में बहुजन समाज की तरफ से मनाया जाएगा. 2022 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों के मद्देनजर यह साल, उनके द्वारा शुरू किए गए बहुजन आंदोलन के लिए एक बहुत ही अहम साल है. साहेब कांशी […]

इसके या उसके ही नहीं, ‘कबीर’ सबके हैं

शैली किरण (Shelly Kiran) सुकरात ने एक बार कड़े स्वर में पूछा था- आप किस तरह मुझसे इस नगर के लिए उपचार की उम्मीद रखते हैं? क्या मुझे एंथेन वासियों से तब तक लड़ना चाहिए जब तक वे सुधर न जायें जैसे कि किसी चिकत्सक ने उन्हें सुधारा हो या फिर मैं उनका सेवक बन जाऊँ और उनका मनोरंजन करूँ? […]

मेनलैंड वाले नस्लवादी भारतीय कोविड से अधिक भयानक थे

चोन्थम रामेश्वरी

चोन्थम रामेश्वरी (Chongtham Rameshwori) मेरे फ़ोन में रात के 9:21 का समय दर्ज है जिसमें मेरी पसंदीदा टीशर्ट की पहली फोटो है, जो दरअसल, एक अभागी टीशर्ट है. इसपर अब, गले और सीने के हिस्से पर, तंबाकू वाले पान के थूक की परत जम गई है जिससे एक तीखी गंध आ रही है. 22 मार्च 2020 को, रात 9 बजे […]

मौजूदा कृषि संघर्ष : कारणों की पृष्ठभूमि, भविष्य का अनुमान और सुझाव

सुखदीप सिंघ (Sukhdeep Singh) पंजाब का इतिहास शुरू से ही संघर्ष वाला रहा है. यदि हमें पंजाब के मौजूदा कृषि/किसानी संघर्ष के कारणों के बारे में जानना हो तो इस संघर्ष के सांस्कृतिक, विचारधारी, राजनीतिक और आर्थिक कारणों की पृष्ठभूमि के ऊपर निगाह डालना ज़रूरी है. संघर्ष के कारणों की पृष्ठभूमि पंजाब की सांस्कृतिक विचारधारा की पृष्ठभूमि का प्रारंभ बाबा […]

किसानी संघर्ष में असली संघर्ष 26 से 31 जनवरी तक था

सरदार मनधीर सिंह (Sardar Mandhir Singh) किसान-संघर्ष के दौरान 26 जनवरी के आगे के 3-4 दिन सही मायनों में संघर्ष का दौर था. 26 तारिख के घटनाक्रम के बाद सरकार ने किसानों के लाल किले में प्रवेश, केसरी निशान (खालसा पंथ का झंडा) और किसानी झंडा झुलाने और तिरंगे के कथित अपमान के हवाले से गोदी (ब्राह्मणवादी) मीडिया के ज़रिये […]

क्या हिन्दू (ब्राह्मण) धर्म अल्पमत में आ जाएगा?

satvendra madara

सतविंदर मनख (Satvinder Manakh) 2021 में जनगणना होने जा रही है. इसमें देश की बहुत सारी पिछड़ी और अनुसूचित जतियाँ, अपना धर्म क्या लिखवाएंगी, इसे लकर विवाद लगातार बना हुआ है.  देश की अनसूचित जातियों में तो यह विषय, बाबासाहेब अंबेडकर के 14 अकतूबर, 1956 में हिन्दू धर्म छोड़ बुद्ध धर्म अपनाने के बाद से उठता ही रहता है. अब […]