भारतीय कैंपसों (परिसरों) में जातिवाद और जाति की कहानी – I

टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) मुंबई में, 22 दिसंबर 2014 को हुए अम्बेडकरवादी छात्र संघ द्वारा आयोजित वार्ता पर उनका भाषण है , इस भाषण को  वल्लिंमल करुणाकरण द्वारा लिप्यंतरित किया गया है. मेरा नाम अनूप है और मैं भारतीय कैम्पसों में दलित विद्यार्थियों के मुद्दों पर लगभग 20 सालों से काम कर रहा हूँ, पहले एक विद्यार्थी के रूप में और […]

आरक्षण के बारे में बात करना मैंने क्यों बंद कर दिया ?

तेजस हरड एक समय ऐसा था जब मैं आरक्षण का बहुत मुखर तौर पर प्रतिवाद करता था। मैं आरक्षण नीतियों के समर्थन में फेसबुक पर लिंक और स्टेटस अपडेट पोस्ट करता था और जो चर्चा शुरू होती थी उसमें बहुत उत्साह से भाग लेता था। जो मेरी पोस्ट और मेरे आरक्षण समर्थक रुख की निंदा करते थे, बेशक सवर्ण होते […]

शिक्षक का जातिवाद और लिंगभेद प्रेरणा बना

  हरियाणा के एक गाँव में पली-बढ़ी डॉ. कौशल पंवार दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ा रही हैं. इनकी ज़िन्दगी तमाम कठिनाइयों और परेशानियों के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल करने की सफल ज़द्दोज़हद की अनूठी दास्ताँ है. अनूप कुमार द्वारा लिया गया उनका यह साक्षात्कार अंग्रेजी भाषा में  दलित एंड आदिवासी स्टुडेंट्स  पोर्टल पर उपलब्ध है .