अब आगे ऐसा करना

अंकित गौतम     ये लौ हैकई तूफ़ानों से लड़ करबचाया है खुद को कई आंधियों सेब्राह्मणवाद की तेज़ाबी बारिश सेउसके आग बरसाते सूरज सेअंधेरी तूफानी रातों सेइसे बुझने न देनाइसे अपना खून-पसीना देनापर जलाए रखना..।