‘मुल्क’ फिल्म, अशराफ/सवर्ण राजनीति और पसमांदा दृष्टिकोण

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) आतंक से आतंकवाद का सफर लम्बा है. आदिकाल से मनुष्य आतंकित होता आ रहा है और आतंकित करता आ रहा है. मनुष्यों ने अपनी सत्ता को लेकर जो भी संस्था बनाई उसमे अक्सर आतंक को एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया. धर्म में ईश्वर का आतंक, परिवार में पितृसत्ता का आतंक, राज्य में सर्वभौमिक्ता का आतंक […]

भारत में शिक्षा का इंतजाम – एक सॉफ्ट टेररिज्म

sanjay jothe

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) पाकिस्तानी पत्रकार हसन निसार बार बार एक शब्द दोहराते हैं “सॉफ्ट टेरोरिज्म”। इस शब्द से उनका मतलब उन वहशियाना चालबाजियों से है जिनके जरिये किसी समाज या देश मे सत्ता और धर्म के ठेकेदार अपने ही गरीबों का खून चूसते हैं। हसन निसार बताते हैं कि ये साफ्ट टेरोरिज्म दूसरे रंग ढंग के किसी भी […]

आतंकवाद का मूल: वहाबीवाद या सैयदवाद/इबलीसवाद?【1】

Nurun N Zia Momin Edited

  एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) आतंक का मकसद और अर्थ घबराहट, डर, भय पैदा करना होता है. यदि आतंकवाद को सीधे-सीधे परिभाषित किया जाये तो हर वह व्यक्ति, संगठन निःसन्देह आतंकवादी है जिसके कृत्यों से लोगो में भय, घबराहट अथवा डर पैदा हो. एक तरफ जहाँ हमारे देश में ही कई ऐसे संगठन【2】तथा राजनैतिक दल【3】हैं जिनके […]