साम्प्रदायिक दंगे – भ्रमित मुस्लिम

Kanshi Ram Saheb

  कांशी राम (Kanshi Ram) [नोट: कांशी राम साहेब ने प्रस्तुत सम्पादकीय लेख, दि ओप्रेस्ड इण्डियन (जुलाई, 1979) के लिए लिखा था. राउंड टेबल इंडिया धन्यवाद् करता है अनुवादक विजेंद्र सिंह विक्रम जी का जिन्होंने प्रस्तुत लेख को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया; और ए.आर.अकेला जी का जिन्होंने साहेब कांशी राम जी के सम्पादकीय लेखों को किताब की शक्ल दी.] दंगे – एक […]

डॉ. अम्बेडकर द्वारा स्थापित राजनीतिक प्रवेश प्रशिक्षण विद्यालय: एक भूली हुई दास्ताँ

बाबासाहेब अम्बेडकर (१८९१-१९५६) की १२५ वीं जयंती केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से धूमधाम से मनाई गई, यद्यपि,  इस उमंग और उत्साह से भरे माहौल में डॉ. अम्बेडकर से सम्बंधित आज तक उपेक्षित रहे ऐसे कुछ मुद्दे इस वर्ष भी नदारद दिखे, जिनकी आज के समय में अत्यन्त आवश्यकता है, […]

रामविलास शर्मा की लेखनी में डॉ आंबेडकर: एक आलोचनात्मक समीक्षा

हिन्दी साहित्य-जगत के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ रामविलास शर्मा अपनी प्रग्तीशीलता और मार्कस्वाद के प्रति अपनी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। इन्होने कमजोर तबको के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने की भरपूर कोशिश भी की है किन्तु इनकी लेखनी पर नज़र डालने पर हमे शर्मा जी की असलियत पता चलती है। इन्होने मार्क्स्वाद को चोला ओढ़कर बड़े शातिर तरीके से दक्षिणपंथी […]

‘बाबासाहब अंबेडकर मेरे लिए क्या मायने रखते हैं ‘ शीर्षक पर लेख आमन्त्रित हैं

wbm announcement

  Round Table India बाबा साहिब के जीवन और उनकी उपलब्धियों को मनाने के लिए किसी ख़ास अवसर की ज़रूरत नहीं है, उनका उदय एक चेतना और जन-मानस के एक नैतिक लंगर के रूप में हुआ। एक संगीतमय परम्परा उनके जीवन के प्रतिपादन की जो उनके जन्म से शुरू होते हुए, महाड़ में अपना रूप लेते हुए, पूना पैक्ट, गोल मेज़ सम्मलेन, […]