महाड़ चवदार सत्याग्रह और आंबेडकर की 3 क्रांतिकारी सलाहें: वर्तमान समय और इनकी प्रासंगिकता

संजय जोठे   ऐसे समय में जब हम बाबा साहब की 125 जयंती मना रहें हैं| तब उनकी चमकती हुई विरासत के कई पहलुओं को फिर से समझने की विकट आवश्यकता आन पडी है| क्रांतियों और परिवर्तन की नई शब्दावलियों में पुराने अर्थों के साथ पूरा न्याय नहीं किया जा रहा है| बहुत बार अच्छे उद्देश्यों से चलाये जा रहे […]

अयोति थास और तमिल बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान

दो ऐसे विद्वान हुए हैं जिनका देश-काल अलग रहा है मगर फिर भी उन्होंने जाति व्यवस्था से निपटने के लिए लगभग एक जैसा तरीका अपनाया. परंपरागत रूप से शिक्षित उन्नीसवीं सदी के तमिल विद्वान पंडित अयोति थास और बीसवीं सदी के पश्चिमी शिक्षाप्राप्त महाराष्ट्र के बुद्धिजीवी बाबासाहब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म को ग्रहण कर यह दर्शाया कि यह जाति व्यवस्था […]