ट्रांस, जेंडर नॉन कन्फोर्मिंग (जी.एन.सी.) और इंटरसेक्स कलेक्टिव के द्वारा किन्नर अखाड़ा द्वारा अयोध्या, भारत में राम मंदिर के समर्थन के खिलाफ कड़ी निंदा

यह अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल में राम मंदिर के लिए किन्नर अखाड़ा के आह्वान के जवाब में, भारतीय ट्रांस, इंटरसेक्स और जेंडर नॉन कन्फोर्मिंग (टी/आईएस/जीएनसी) व्यक्तियों और समूहों द्वारा जारी एक बयान है। इस बयान को किन्नर अखाड़ा के इस आह्वान पर पीड़ा, चिंता और निंदा की गहरी भावना के साथ जारी किया जा रहा है, क्यूंकि किन्नर अखाड़ा […]

मिले मुलायम कांशी राम, हवा हो गए जय श्री राम

satvendra madara

  सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) 6 दिसंबर 1992 को बाबासाहब के परिनिर्वाण दिवस पर, जब देश की ब्राह्मणवादी ताक़तों ने बाबरी मस्जिद को गिराया, तो राजनीतिक हालात तेजी से बदले। उत्तर प्रदेश इसके केंद्र में था। राम मंदिर के नाम पर पिछड़ी जातियों का मुसलमानों के खिलाफ ध्रुवीकरण करके महाराष्ट्र के चितपावन ब्राह्मणों का संगठन RSS, राज्य और देश की […]

दरअसल बाबरी मस्जिद पसमांदा समाज का मुद्दा है ही नहीं

Shafiullah Anis

  शफ़ीउल्लाह अनीस (Shafiullah Anis) हर समाज के अपने मुद्दे होते हैं। जिस तरह से विकसित देश के मुद्दों को पहली दुनिया की समस्या (first world problems) कहा जाता हैं और विकासशील देशों के मुद्दों को तीसरी दुनिया की समस्या (third world problems) कहा जाता हैं, उसी तरह पसमांदा समाज और अशराफ समाज के मुद्दे भी अलग अलग हैं। अमेरिका […]

साम्प्रदायिकता और पसमांदा सवाल

Lenin Maududi

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) हम सबको ये समझने का वक्त आ गया है कि हर समाज के केंद्र में इसकी राजनीति होती है. अगर राजनीति घटिया दर्जे की होगी तो सामाजिक हालात के बढ़िया होने की उम्मीद करना बेमानी है. भारत में सेक्युलर योद्धा दावा कर रहे हो हैं कि वे फासीवाद से लड़ रहे हैं इसलिए ये हर उस […]

बाबरी से दादरी तक

श्वेता यादव (Sweta Yadav) आज़ाद भारत जी हाँ आज़ाद भारत! सिर्फ आज़ाद ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश। लोकतंत्र का जश्न मानते हुए भारत के नागरिकों को लगभग 68 वर्ष गुजर चुके हैं लेकिन आज भी कुछ सवाल जस का तस हमारे सामने मुह बाए खड़े है। समानता का अधिकार देता हमारा संविधान यह सुनिश्चित करता है […]