प्रिय लोकतंत्र बता अपनी भूख को हम कैसे मिटायें ?

sachin mali

जनकवि सचिन माली प्रिय लोकतंत्र बता  अपनी भूख को हम कैसे मिटायें ? भूख से बिलबिलाते एड़ियां घिसकर मरते लोगों का आक्रोश खाएँ ? या उनकी अंतिम विधि के लिए सूद से लिया कर्ज़ खाएँ ? आत्महत्या करने वाले किसानों की पेड़ों से टंगी लाशों का फ़ांस खाएँ ? या आत्महत्या करने के बाद मिलने वाला सरकारी पैकेज खाएँ ? […]

स्त्री गरिमा को रौंदती संस्कृति

16 दिसंबर वर्ष 2012 को दिल्ली में 23 वर्ष की युवती के साथ चलती बस में गैंगरेप की घटना से, टी.वी. चैनलों पर लम्बे समय तक, औरतों की सुरक्षा को लेकर, एक अजीब सा शोर मचा था| जिसके कारण लोगों में भयंकर रोष और गुस्से का संचार हुआ| देश के हर शहर में लोग सड़कों पर मोमबत्तियां जलाकर दोषियों को […]

राजस्थान उच्च न्यायलय में मनु की मूर्ति:न्याय के मंदिर में अन्याय के प्रतीक को सम्मान ?

हरीश परिहार इंसाफ की उम्मीद पर एक अमानवीय धब्बा है मनु की मूर्ति क्या ऐसी अदालत से इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है जिसके परिसर में इंसाफ की आस में जाने वालों को अन्याय का एक प्रतीक हर वक्त मुंह चिढ़ा रहा हो? राष्ट्र-निर्माता डॉ बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर ने 25 दिसम्बर 1927 के दिन महाराष्ट्र के महाड़ में […]