गालियों का समाजशास्त्र

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) गालियाँ लगभग हर भाषा हर ज़ुबान में मौजूद है. तो क्या गालियाँ भाषा की सामाजिकता का अनिवार्य हिस्सा है? शायद हाँ! भाषा की सामाजिकता उसको बोलने वालों के बीच के अंतर्संबंधों को ज़ाहिर करती है और गालियों का जातिये एंव लैंगिक चरित्र की भी व्याख्या भी करती है. इसीलिए जब अनुराग कश्यप से पूछा गया कि […]