1968 का शिवपाल गंज, 2018 का गंगागंज और ऊँचों में नीच

विकास वर्मा (Vikas Verma) तीन महीने पहले श्रीलाल शुक्ल का कालजयी उपन्यास ‘राग दरबारी‘ पढ़ रहा था जो 1968 में प्रकाशित हुआ था। इसमें एक दृश्य है जहाँ उपन्यास के एक महत्वपूर्ण किरदार बद्री पहलवान रिक्शे से अपने गाँव यानी शिवपालगंज वापस लौट रहे हैं। रिक्शावाला ज़रा बातूनी है, पूरे रास्ते कोई न कोई कथा बांचे जा रहा है। अपनी […]