एक अंबेडकरवादी परिवार के होने का महत्व

तेजस्विनी ताभाने पिछले महीने मैंने एक लेख ‘हम में से कुछ को तमाम उम्र लड़ना होगा: अनूप कुमार’ राउंड टेबल इंडिया (अंग्रेजी) पर पढ़ा था, जहां अनूप सर ने बताया कि कैसे हमारे समाज के हाशिए वाले वर्गों के छात्रों को उच्च शैक्षणिक संस्थानों में पहचान को लेकर कई असहज सवाल पूछे जाते हैं, और यह कि अगर आप एक […]

शिक्षक दिवस के नाम पर !

 रत्नेश कातुलकर वर्णनाम ब्राह्मणों गुरु! यानि गुरु केवल ब्राह्मण वर्ण से ही हो सकता है. आदिकाल से यह भारत का सनातन नियम रहा है. हालांकि ऐसा भी नहीं की इस नियम का पालन देश में अक्षरशः होते रहा हो, स्वयं हिन्दू धर्म ग्रंथों में राक्षसों के गैर-ब्राह्मण गुरु शुक्राचार्य का वर्णन मिलता है और भारत के एक समय जो विश्व […]

ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले -भाग-2 -प्रो. हरि नारके

यह आलेख NCERT की 2008 की मेमोरियल लेक्चर सीरीज (स्मारक व्याख्यान श्रंखला) में आयोजित सावित्रीबाई मेमोरियल लेक्चर का एक भाग है| इसके लेखक हैं प्रो हरि नारके., प्रो नारके महात्मा फुले पीठ, पुणे विश्वविद्यालय के निदेशक हैं| वे एक प्रख्यात विद्वान् हैं, जो अब तक 6000 से अधिक व्याख्यान दुनिया के प्रसिद्द विश्वविद्यालयों में दे चुके हैं|  पुणे में महात्मा […]

ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले -प्रो. हरि नारके

यह आलेख NCERT की 2008 की मेमोरियल लेक्चर सीरीज (स्मारक व्याख्यान श्रंखला) में आयोजित सावित्रीबाई मेमोरियल लेक्चर का एक भाग है| इसके लेखक हैं प्रो हरि नारके., प्रो नारके महात्मा फुले पीठ, पुणे विश्वविद्यालय के निदेशक हैं| वे एक प्रख्यात विद्वान् हैं, जो अब तक 6000 से अधिक व्याख्यान दुनिया के प्रसिद्द विश्वविद्यालयों में दे चुके हैं|  पुणे में महात्मा […]

महात्मा ज्योतिबा फुले – जीवनी

आधुनिक भारत में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत के रूप में यूँ तो सभी बंगाल के भद्रलोक जैसे राजा राम मोहन रॉय, केशव चंद्रसेन, इश्वर चंद विद्यासागर आदि के बारे में स्कूलों और अन्य पाठ्यक्रमो में पढ़ते रहे हैं जिनकी बंगाल प्रान्त में उच्च वर्णीय महिलाओ को दयनीय स्थिति से निकालने में प्रभावी भूमिका थी पर देश के मध्यप्रांत में जन्मे […]