मेरी कविता कड़वी कविता

Shailendra Ranga

  शैलेन्द्र रंगा (Shailender Ranga)   मेरी कविता कड़वी कविता  वो बात करे अधिकार की तेरी कविता मीठी कविता उसे आदत है सत्कार की    दर्द क्यों न हो  सदियों की है पीड़ा ये  हर वक़्त दिखाई देता  बस मनोरंजन और बस क्रीड़ा तुम क्यूँकर कहते धिक्कार की?