4 मार्च- आईये सपरिवार! अपने ज़िंदा होने का प्रामान दें!!

4 march

नीतिशा खालखो (Neetisha Xalxo) रविवार  को दिल्ली के ट्राइबल समुदाय की एक मीटिन्ग में यह चिंता व्यक्त की गयी कि सेंसस 2020 में सरकार ने जानबूझ कर देश के शेड्युल्ड ट्राइब्स और आदिवासियो के हिंदुकरण के लिये कृतसंकल्प है. अपने इस एजेंडे के तह्त जनगणना 2020 में केवल मुख्यधारा के धर्मो का ही उल्लेख किया गया है. धर्मो के इस […]

हमारा गंदगी से घिरा जीवन तुम्हारे चित्रों का विषय क्यों नहीं?

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एक रिपोर्ट  ऋषिकेश देवेंद्र खाकसे (Hrishikesh Devendra Khakse) विख्यात कवि, चित्रकार तथा शिल्पकार डॉ. सुनील अभिमान अवचार इनके ‘आउटकास्टेड एक्सप्रेशन’ नामक चित्रप्रदर्शनी मुम्बई स्थित ‘टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान’ में सम्पन्न ‘महिलाओं के सवेतन और अवैतनिक कार्य की बदलती रूपरेखा’ इस विषयपर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर दिनांक 12 एवं 13 जुलाई 2018 को सम्पन्न हुई.  अपनी वैचारिक आयु के शुरुवाती […]

दलित-आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा – जारी है

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शिक्षित बनो                संगठित बनो                संघर्ष करो दलित आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा  23 अप्रैल 2018 से 2 मई 2018 तक  अपील  साथियों जय भीम ! दलित -आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा ऐसा एक प्रयास है जो मानवाधिकारों के विभिन्न मुद्दों को सामने लाना चाहती है और सरकार व् […]

जे.एन.यू में बहुजन साहित्य संघ की हुई स्थापना

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सामाजिक न्याय जिंदाबाद, लैंगिक न्याय जिंदाबाद, बहुजन एकता जिंदाबाद, बहुजन साहित्यिक क्रांति ज़िंदाबाद  आरती यादव, विश्वम्भर नाथ प्रजापति, प्रियंका कुमारी साहित्य एवं संस्कृति के माध्यम से वैश्विक चेतना के निर्माण हेतु जे.एन.यू के बहुजन (आदिवासी, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछडा वर्ग और पसमांदा) शोध छात्रों ने 11 अप्रैल 2018 को  जे.एन.यू के कन्वेंशन सेंटर में बहुजन साहित्य संघ […]

राजस्थान में दलित छात्राओं के उत्पीड़न का एक और मामला

सुरेश जोगेश 4 नन्ही सी पीड़ित बेटियां, 1 बेबस लेकिन प्रयासरत शिक्षिका, सहमे अभिभाभावक, अफसरों की आज्ञा तले दबी स्थानीय पुलिस और 5 महीने से आतंक मचाये रसूखदार अपराधी राजस्थान में पुनः एक 13 वर्षीय मासूम दलित के साथ वही किये जाने की कोशिश हो रही है जो डेल्टा मेघवाल के साथ हुआ. पाली (राजस्थान) की यह घटना 14 व […]

जंतर-मंतर प्रदर्शन: दलितों के कार्यक्रम पर सिंह सेना का हमला

डॉ. रतन लाल दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग से आने वाले सांसदों और नेताओं की आत्मा की शांति के लिए तीन मिनट का मौन देश भर में, विशेष रूप से, दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आज यूथ फॉर बुद्धिस्ट इंडिया ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन रखा था.  मैं भी कार्यक्रम में शामिल था. कार्यक्रम का मंच जन्तर […]

डॉ. अम्बेडकर द्वारा स्थापित राजनीतिक प्रवेश प्रशिक्षण विद्यालय: एक भूली हुई दास्ताँ

बाबासाहेब अम्बेडकर (१८९१-१९५६) की १२५ वीं जयंती केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से धूमधाम से मनाई गई, यद्यपि,  इस उमंग और उत्साह से भरे माहौल में डॉ. अम्बेडकर से सम्बंधित आज तक उपेक्षित रहे ऐसे कुछ मुद्दे इस वर्ष भी नदारद दिखे, जिनकी आज के समय में अत्यन्त आवश्यकता है, […]

राजस्थान उच्च न्यायलय में मनु की मूर्ति:न्याय के मंदिर में अन्याय के प्रतीक को सम्मान ?

हरीश परिहार इंसाफ की उम्मीद पर एक अमानवीय धब्बा है मनु की मूर्ति क्या ऐसी अदालत से इंसाफ की उम्मीद की जा सकती है जिसके परिसर में इंसाफ की आस में जाने वालों को अन्याय का एक प्रतीक हर वक्त मुंह चिढ़ा रहा हो? राष्ट्र-निर्माता डॉ बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर ने 25 दिसम्बर 1927 के दिन महाराष्ट्र के महाड़ में […]

‘मैं शब्द-दर-शब्द कविता हूँ’: गुरिंदर आज़ाद के काव्य संग्रह ‘कंडीशंस अप्लाई’ का लोकार्पण

  ‘कंडीशंस अप्लाई’ हिंदी काव्य संग्रह का लोकार्पण 29 सितम्बर (4:00pm – 8:00pm, Auditorium, SSS-I, JNU) को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में   गुरिंदर आज़ाद कवि और दलित एक्टिविस्ट हैं। उनके लेखे डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण, पत्रकारिता, सामाजिक विषय लेखन जैसे अन्य काम भी हैं। बठिंडा के एक मार्क्सवादी परिवार में जन्में। तज़ुर्बों की खाक़ छानते छानते अंबेडकरवादी हो गए। पिछले कई […]

ओम प्रकाश वाल्मीकि: हिंदी साहित्य के स्तम्भ नहीं रहे

  अनिता भारती   दलित साहि्त्य के सशक्त हस्ताक्षर व वरिष्ठ लेखक ओमप्रकाश बाल्मीकि जी का आज सुबह परिनिर्वाण हो गया। वे पिछले एक साल से ‘बड़ी आंत की गंभीर बीमारी’ से जूझ रहे थे। उनका हिन्दी साहित्य और दलित साहित्य में उनके अवदान और उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोज उनसे मिलने […]