अनाज का रसायन विज्ञान (किसान को समर्पित 5 लघु कविताएँ)

बाल गंगाधर बाग़ी (Bal Gangadhar Baghi) 1. किसान किसान नहीं तो भोजन नहीं, भोजन नहीं तो जीवन नहीं। और जीवन नहीं तो मानवता सभ्यता का अंत।फिर किसी का भी इतिहास नहीं होगाक्योंकि इतिहास लिखने के लिए इतिहासकार का भी ज़िंदा रहना ज़रूरी हैयही ज़िंदगी की धूरी है।इसीलिए !किसान का अंत होना,इतिहास का भी अंत होना […]
जाने कब वो कल होगा

दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) मैं भी प्यार मोहब्बत लिखतालिखता मैं भी प्रेम दुलारलिखता यौवन की अंगड़ाईलिखता रूठ और मनुहारलिखता प्रकृति की भाषालिखता दुश्मन का मैं वारलिखता फूलों की मादकतालिखता नभमंडल के पार। पर नहीं सोच पाता है मनकुछ उससे आगे पार लिखूंसुरक्षित जीवन सबका हो जिससे बस उसका जीवन सार लिखूं। जहाँ की […]
पाताल लोक, और स्वर्ग लोक में पसरी सड़ाँध (समीक्षा)

इस्तिखार अली (Istikhar Ali) हाल ही में, अमेज़न प्राइम पर पाताल लोक, एक वेब सिरीज़ रिलीज हुआ जो तुरंत चर्चा में आ गया. इसकी तुलना दर्शक ‘सेक्रेड गेम्स’ से भी कर रहे है। पाताल लोक दर्शकों पर अलग छाप छोड़ रहा है। मुख्यतः इसने हिन्दी भाषा बोलने-समझने वाले समाज में बहुत से लोगों का ध्यान […]
घेटोअ गॉस्पेल (Ghetto Gospel)

राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple) पुल की दायीं तरफ नयी रंगीन बीस मंजिला ईमारत बनी थी रात को आसमान के तारे ईमारत पे उतर आते थे बिल्डर ने पारधियों की झोंपड़ियाँ हटाके, सिर्फ ज़मीन ही थोड़ी ना खरीदी थी! हमारे बस्ती के किनारे लगे रिंग रोड पे चढ़के देखना सरकार ने बिल्डर को पूरा आसमां […]
सुपर हीरो की दुनिया में नस्लवाद: ‘वॉचमेन’ की समीक्षा

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) 31 मई 1921 की बात है, जिला ग्रीनवुड (Greenwood district) के ओक्लाहोमा (Oklahoma) में स्थित टुल्सा (Tulsa) के एक सिनेमाघर में एक बच्चा फ़िल्म देख रहा है. फ़िल्म का नायक एक नकाबपोश काला हीरो है. जो गोरों की जान बचाता है, सभी उससे प्यार करते हैं. बच्चा उस हीरो को देख […]
भीम जीवन कथा (कविता)

दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) महाराष्ट्र का गाँव अंबावडे, अंबावडे में रहते सकपाल घर उनके जन्मा एक बालक, आगे चल जिसने किये कमाल। चौदह अप्रैल अठारह सौ इक्यानवे, जिस पल भीम का जन्म हुआ चौदहवीं सन्तान भीमा ने पाई, भीम था उसको नाम दिया।। हष्ट-पुष्ट और चंचल बालक, अति बुद्धि और […]
अछूतों की बस्ती

राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple) बीफ की दो बोटियाँ तोड़ के आधा गीला शरीर घर के उस कोने की तपी दिवार पे रख के बीड़ी के दो कश लगाना सुकून भरा तो रहा होगा हम्म हम्म करते हुए बच्चों की बस आधी बात सुनके हर रोज़ गहरी नींद में डूब जाना आदत थी? या उन् […]
1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान- पुस्तक समीक्षा

वाल्मीकियों के अदम्य साहस की साक्षी पुस्तक – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) पुस्तक का नाम – 1857 की क्रांति में वाल्मीकि समाज का योगदान लेखक – डॉ.प्रवीन कुमार कुल पृष्ठ – 80 (अस्सी) मूल्य – 60 (साथ रूपये) प्रथम संस्करण – 2019 प्रकाशक – कदम प्रकाशन […]
5 अप्रैल की रात को 9 बजे, मैं…

मौलिकराज श्रीमाली (Maulikraj Shrimali) नीली आग की लपटें ————————- तुम्हारे आंसू गैस के गोलों से हमारी आँखे जल रही है और जल रहे है जाति-धर्म के हिंसा में हमारे घर भूख से जल रहा है वो पेट जो इक्कीस दिन के बाद… चल के अपने घर को पहुंचा है और जल […]
साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस: पुस्तक समीक्षा

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) किताब: साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस लेखक: विभूति नारायण राय प्रकाशक: राधाकृष्ण पेपरबकैस तीसरा संस्करण: 2016, पेज: 165 मूल्य: 150₹ इस बात को साफ़-साफ़ समझ लें ‘दंगे’ साम्प्रदायिकता परिणाम होते हैं, साम्प्रदायिक मानसिकता का अंतिम फल होते हैं. सब से पहले आपके विचार हिंसक होते हैं फिर वह हिंसा आप […]