बाबा साहेब के अपमान पर राजकमल प्रकाशन को खुला पत्र

हिंदी भाषा की वरिष्ठ लेखिका व् दलित लेखक संघ की पूर्व अध्यक्ष अनीता भारती ने राजकमल प्रकाशन को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने राजकमल द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक ‘उसने गाँधी को क्यूँ मारा’ (लेखक अशोक कुमार पांडे) को ऐसी पुस्तक छापने जिसमें डॉ. आंबेडकर की छवि को बिगाड़ने की कोशिश की गई है, स्पष्टीकरण माँगा है. 13 नवम्बर को […]

रिक एंड मोर्टी: सृष्टि, विज्ञान और इंसान (वेबसीरिज़ समीक्षा)

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) रिक एंड मोर्टी (Rick and Morty) एक अमेरिकी सिटकॉम (sitcom) है जिस को जस्टिन रोइलैंड (Justin Roiland) और डेन हारमॉन (Dan Harmon) ने बनाया है। 2013 से अब तक इसके पाँच दौर यानि सीज़नस (seasons) आ चुके हैं। पहली नज़र में यह सीरीज़ आप को बच्चों का कोई आम सा कार्टून नज़र आएगी पर यक़ीन करें […]

भारतीय इतिहास के अलौलिक महामानव महात्मा ज्योतिबा फुले

Surya Bali

डॉ सूर्या बाली ‘सूरज धुर्वे’ (Dr. Surya Bali ‘Suraj Dhurve) ज्योतिराव गोविंदराव फुले एक महान विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी व्यक्ति थे. आपको ‘महात्मा फुले’ एवं ‘ज्‍योतिबा फुले’ के नाम से भी जाना जाता है. आपका जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे जिले के खानवाडी नमक स्थान में हुआ था. इनके पिता का नाम गोविंद राव फुले और माता […]

एक कोइतूर बच्चे ने कहा- मुझे डॉक्टर बनना है

sanjay Shraman Jothe

एक संकल्प, एक सपने और एक वादे की दास्तान डॉ.सूर्या बाली संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) इस प्रेरणादायी कहानी में आपका स्वागत है। यह कहानी ट्राइबल (कोइतूर) समाज से आने वाले एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसने ग़रीबी और जातिगत घृणा के बीच जन्म लिया, जीवन भर ग़रीबी और जातिवादी नफ़रत और हिंसा का सामना किया। इस […]

एक समाज जो बिस्तर पर स्वीकार्य किन्तु तथाकथित सभ्य समाज में नहीं

क्रांति खोड़े (Kranti Khode) भारतीय सामाजिक व्यवस्था जो कि चार्तुवर्ण पर आधारित है. यह मनुवादी चातुर्वण व्यवस्था कहती है कि ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैष्य, शुद्र जो जिस जाति में पैदा हुआ वह उस जाति का जाति आधारित काम करेगा. उनका काम ऊपर के तीनों समाजों की सेवा करना है. यह व्यवस्था आज भी मजबूती से अपने पैर जमाए हुए है. शुद्र […]

पितृसत्ता, नारीवाद और बहुजन महिलाएं

जूपाका सुभद्रा (Joopaka Subadra)   जूपाका सुभद्रा से बातचीत का यह (पहला) भाग भारत नास्तिका समाजम और साइंटिफिक स्टूडेंट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित एक बातचीत में उन्होंने रखा था.   आज मैं जिस विषय पर बात करने जा रही हूँ, वह है ‘पितृसत्ता, नारीवाद और बहुजन महिलाएँ’! नारीवादियों के अनुसार, नारीवाद, महिलाओं और पुरुषों के बीच, समानता को लेकर है, और, समानता के लिए है. वे कहती हैं, सभी महिलाएं […]

हिंदी, ब्राह्मण के हाथ में औज़ार और पंजाब- एक बहुजन नज़रिया

गुरिंदर आज़ाद (Gurinder Azad) खबर पंजाब से है और अच्छी है. बठिंडा-फरीदकोट हाईवे पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे राह-ईशारा तख्तियों पर रंग पोत दिया गया है. इन तख्तियों पर या तो पंजाबी भाषा में लिखे शहर के नाम अंग्रेजी और हिंदी में लिखे नाम के नीचे थे या फिर पंजाबी में लिखे ही नहीं गए. हिंदी-अंग्रेजी में लिखे नामों […]

जाति विनाश- एक थकाऊ और अनावश्यक प्रोजेक्ट

  संजय जोठे आर्य आक्रमण थ्योरी सही हो या न हो, इतना तो पक्का हो चला है कि मूल रूप से इस देश में श्रमणों की संस्कृति थी जो पहले गंगा यमुना के संगम के इलाके से पूर्व की तरफ फ़ैली हुई थी. बाद में बौद्ध संस्कृति के रूप में इसका विस्तार कंधार बामियान तक हुआ. ये श्रमण असल में जैन, […]