चन्द्रशेखर आज़ाद से अभिषेक जुनेजा की बातचीत गत बृहस्पतिवार, 14 फरवरी को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद एक ख़ास मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रेस क्लब देहरादून पहुंचे. एससी, एसटी और ओबीसी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति सरकार द्वारा रोके जाने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने 22 फरवरी तक शिक्षा शुल्क का भुगतान प्राइवेट कॉलेजों की निर्धारित […]
शैक्षणिक अधिकारों को हासिल करने के लिए आन्दोलन ही इक रास्ता
गुरिंदर आज़ाद राजेश कुमार आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के चेयरमैन रह चुके हैं और आजकल वे ‘एसोसिएशन ऑफ़ वालंटियर्स फॉर स्टूडेंट्स राइट्स‘ के कन्वीनर हैं जो कि एक स्वयंसेवी संस्था है और विशेषतः अनुसूचित जाति से जुड़े और विद्यार्थियों के स्कालरशिप से वाबस्ता अधिकारों पर काम कर रही है. इन समस्याओं को बेहतर तरीके से समझने एवं सुलझाने की […]
डाॅ. अम्बेडकर का जीवन दर्शन ही मेरे जीवन का प्रेरणा स्रोत- कैलाश वानखेडे
डॉ. रत्नेश कातुलकर कैलाश वानखेड़े जी अपने प्रथम कहानी संग्रह ‘सत्यापन’ से हिंदी साहित्य जगत में अपनी विशेष पहचान के रूप में उभरे हैं. उनकी कहानियों की ज़मीन व्यापक बहुजन आन्दोलन है. कहानियों के पात्र गाढ़ी स्याही से हस्ताक्षर करते हैं. कई जगहों पर उनकी कहानियों को लेकर कार्यक्रम रखे गए. कहानियों का पाठ हुआ. उन्हीं की एक कहानी ‘जस्ट […]
ख़ास तौर से पसमांदा मुसलमान मारे जा रहे हैं – अली अनवर अंसारी
30 जुलाई 2017 को दिल्ली में भीड़ हिंसा (mob lynching) के खिलाफ़ एक विशाल बाइक रैली में अली अनवर साहेब, MP JDU (राज्य सभा) से DEMOcracy के पत्रकार लेनिन मौदूदी की बातचीत लेनिन मौदूदी: सलाम, नमस्ते, आदाब!! आप जुड़े हुए हैं डेमोक्रेसी से और हमारे साथ इस समय अली अनवर साहब हैं. वो भीड़ हिंसा के खिलाफ इस रैली का हिस्सा […]
दलितों के खिलाफ़ गाय एक राजनीतिक हथियार के रूप में
गुरिंदर आज़ाद समसामयिक मुद्दों पर साक्षात्कार और डॉक्यूमेंट्रीज की आंबेडकर युग श्रृंखला में, गुरिंदर आज़ाद राउंड टेबल इंडिया के लिए अरविंद शेष और रजनीश कुमार का इंटरव्यू लेते हैं. दोनों पेशे से पत्रकार और सामाजिक चिन्तक हैं. वे पूरे मुद्दे को विभिन्न आयामों से विश्लेषित करते हैं. गुरिंदर आज़ाद द्वारा लिया गया यह इंटरव्यू 13 अगस्त 2016 को Youtube पर और […]
शिक्षक का जातिवाद और लिंगभेद प्रेरणा बना
हरियाणा के एक गाँव में पली-बढ़ी डॉ. कौशल पंवार दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ा रही हैं. इनकी ज़िन्दगी तमाम कठिनाइयों और परेशानियों के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल करने की सफल ज़द्दोज़हद की अनूठी दास्ताँ है. अनूप कुमार द्वारा लिया गया उनका यह साक्षात्कार अंग्रेजी भाषा में दलित एंड आदिवासी स्टुडेंट्स पोर्टल पर उपलब्ध है .