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लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi)

रिक एंड मोर्टी (Rick and Morty) एक अमेरिकी सिटकॉम (sitcom) है जिस को जस्टिन रोइलैंड (Justin Roiland) और डेन हारमॉन (Dan Harmon) ने बनाया है। 2013 से अब तक इसके पाँच दौर यानि सीज़नस (seasons) आ चुके हैं।

पहली नज़र में यह सीरीज़ आप को बच्चों का कोई आम सा कार्टून नज़र आएगी पर यक़ीन करें एनिमेशन में होने के बावजूद यह सीरीज़ बच्चों के लिए क़त्तई नहीं कही जा सकती। सबसे पहले आप यह समझ लें कि इस सीरीज़ का एनिमेशन किरदारों के हिसाब से किया गया है। अगर आप डिज़नी फिल्मों वाले एनिमेशन की उम्मीद करते हैं तो आपको निराशा ही मिलेगी। आप इस बात को ऐसे समझें कि गौतम बुद्ध की गांधार कला में जो मूर्तियां बनी है। वह बहुत सुंदर हैं। गांधार कला में गौतम बुद्ध को ग्रीक देवताओं की तरह बनाया गया है, शानदार और भव्य पर वहीं मथुरा कला में गौतम बुद्ध को योगी की तरह दिखाया गया है। मथुरा कला गौतम बुद्ध के दर्शन को अपना आधार बनाती है। यही वजह है कि यह कला गौतम बुद्ध के दर्शन के साथ न्याय करती है। अब आप सिटकॉम (sitcom) नामक कॉमेडी जॉनरे (अंग्रेजी का शब्द (genre) जिसका अर्थ है ‘प्रकार’ या ‘शैली’) को समझें। सिटकॉम का अर्थ होता है, सिचुएशनल कॉमेडी (situational comedy)। ऐसी सीरीज़ उसे लिखने वाले यानि उसके लेखक के कंधों पर होती है। थोड़ी सी भी लचर पटकथा पूरी फ़िल्म/सीरीज़ को कूड़ा बना सकती है। ऐसी कॉमेडी में किरदार को वही करना होता है जो उनका कैरेक्टर है अर्थात सिचुएशन कैसी भी हो उन्हें अपना कैरेक्टर नहीं छोड़ना है। वह अपने कैरेक्टर के व्यवहार के अनुसार ही अभिनय करेंगे। ऐसे में लेखक पर यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने किरदारों को मज़बूती से स्थापित करें ताकि दर्शक ये न पूछें कि यह कैरेक्टर ऐसे क्यों बोल रहा है? ऐसे क्यों कर रहा है? जैसे ‘जाने भी दो यारों’ फिल्म में ‘आहूजा’ हर सिचुएशन में अपने कैरेक्टर में ही रहते हैं। उनकी हरकतें ही कॉमेडी बन जाती हैं वह अलग से कोई कॉमेडी नहीं करता है। ठीक इस सीरीज़ में रिक (Rick) और Morty (मोर्टी) अपने कैरेक्टर में रहते हैं। इस जॉनरे (genre) का सबसे मशहूर टी.वी शो (show) था फ्रेंड्स (friends), भारत में टी.वी शो (show) ‘खिचड़ी’ भी मशहूर हुआ था।

आप को समझाने के लिए तो यह कहा जा सकता है कि ‘रिक एंड मोर्टी’ (Rick and Morty) एक साइंस फ़िक्शन है पर इस की जड़ें फ़िक्शन से भी बहुत गहरी हैं। यह सीरीज़ कई दार्शनिक सवालों को उठाती है, जैसे कि- मैं कौन हूँ? मुझे क्या करना चाहिए? इस सृष्टि का, जीवन का अर्थ क्या है? क्या ईश्वर है? हमारे मरने के बाद क्या होगा? आदि-आदि। यह सीरीज़ सिर्फ़ इन प्रश्नों को ही नहीं उठाती बल्कि इन सवालों पर आप को सोचने के लिए मजबूर करती है। यह सिरीज़ आप को इन सवालों के पहले से बने किसी स्थापित जवाब को दे कर आप को संतुष्ट करके आप की फिलासफराना ख़ुदकुशी (Philosophical Suicide) नहीं करती। यही वजह है कि मै ‘रिक एंड मोर्टी’ (Rick and Morty) को ‘दार्शनिक-वैज्ञानिक व्यंग्य’ बोलता हूँ। इस सीरीज़ के वैज्ञानिक पक्ष पर बहुत लिखा गया है। यहाँ तक कि कई किताबें भी आ चुकी हैं जो निकट भविष्य में इस सीरीज़ में दिखाए गए वैज्ञानिक तथ्यों की सत्यता को खोजती हैं। इसलिए मेरी कोशिश इस सीरीज की दार्शनिकता को समझने/समझाने की होगी। इस सीरीज़ को दार्शनिक इस लिए बोला जा सकता है क्योंकि इस सीरीज़ का मूल दर्शन/विचार शून्यवाद/नकारवाद (Nihilism) और अस्तित्ववाद (Existentialism) पर आधारित है और व्यंग्य इस लिए कि आप की आम मान्यता/विश्वास (Myth) को जब हम दर्शन और विज्ञान की कसौटी पर परखते हैं तो उस से एक विसंगति (Anomaly) पैदा होती है। यही विसंगति व्यंग्य के रूप में हमारे सामने आती है।

इस बात को थोड़ा विस्तार से समझते हैं। इस सीरीज़ का मुख्य पात्र रिक सान्जेस (Rick Sanchez) एक निहिलिस्ट यानि नकारवादी वैज्ञानिक है। वह अपने बारे में कहता है “Listen, I’m not the nicest guy in the universe because I’m the smartest and being nice is something stupid people do to hedge their bets.” मै आप को Rick के जीवन दर्शन (निहिलिस्म) को युवाल नोआ हरारी के सेपियंस में लिखे शब्दों में समझाता हूँ, “रिक एक सिनिकल (चिड़चिड़ा), शराबी, गालीबाज़ टाइप का वैज्ञानिक है। वह विशुद्ध वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह मानता है कि मानव जीवन का नितान्त कोई अर्थ नहीं है। मनुष्य उस अंधी विकास-प्रक्रिया का नतीजा है जो बिना किसी लक्ष्य या ध्येय के जारी रहती है। हमारे कर्म किसी अलौकिक ब्रह्माण्डीय योजना का हिस्सा नहीं हैं और कल सुबह पृथ्वी यदि ग्रह विस्फोट से उड़ जाए तो ब्रह्माण्ड सम्भवत: बदस्तूर जारी रहेगा। इस लिए लोगों द्वारा अपने को दिया जा रहा कोई भी अर्थ एक भ्रम है। मध्ययुग के लोग अपने जीवन को जो पारलौकिक अर्थ देते थे। वह अर्थ इतने ज़्यादा भ्रामक हैं जितने एक आधुनिक मानवतावादी राष्ट्रवादी और पूंजीवादी अर्थ हैं, जो आधुनिक लोग देख रहे हैं।” मतलब रिक को किसी चीज़ से कोई मतलब नहीं है, वह ख़ुद को किसी भी चीज़ के लिए उत्तरदायी नहीं मानता और न ही किसी रिश्ते की कोई क़द्र करता है पर लोग तो ऐसे नहीं हैं। आम लोगों ने जीवन को अपना कुछ अर्थ दे रखा और इन अर्थों (ईश्वर, धर्म, राष्ट्र, मानवता, लोकतंत्र आदि) के लिए सदियों से मनुष्य अपनी जान देता रहा है। अब यहां रिक के दर्शन और विज्ञान से आम मान्यता और विश्वास का जो टकराव होता है उस से विसंगति पैदा होती है। यही विसंगति व्यंग्य को पैदा करती है पर व्यंग्य में जरूरी नहीं कि आप को हँसी आये ही। “मार्क ट्वेन ने लिखा है- यदि कोई भूखे कुत्ते को रोटी खिलाए तो वह उसे काटेगा नहीं। मनुष्य और कुत्ते में यही ख़ास फ़र्क़ है। इस कथन से हँसी नहीं आती पर व्यंग्य की यह करारी चोट चेतना पर लगती है कि पाठक पहले तो भौंचका रह जाता है और फिर सोचने लगता है। सच्चा व्यंग्य जीवन की समीक्षा होता है, वह मनुष्य को सोचने के लिए बाध्य करता है, अपने से साक्षात्कार करता है, चेतना में हलचल पैदा करता है और जीवन में व्याप्त मिथ्याचार, पाखण्ड, असामन्जस्य एवं अन्याय से लड़ने के लिए उसे तैयार करता है।”

क्या है कहानी?

सीरीज़ की कहानी एक वैज्ञानिक रिक (Rick Sanchez ) की है जो अपनी बेटी बेथ के घर उस के पति जेरी और उस के दो बच्चों, 14 साल के बेटे मोर्टी और 17 साल की बेटी समर के साथ रहता है। रिक ब्रह्माण्ड का सबसे स्मार्ट वैज्ञानिक है जिस ने एक पोर्टल गन बनाई है। जिस की मदद से वह एक आयाम से दूसरे आयाम, एक ब्रह्माण्ड से दूसरे ब्रह्माण्ड में सफ़र करता है। वह अपने नाती को अपनी Space Ship में बिठा कर नए-नए एडवेंचर पर ले जाता है। हर एडवेंचर ख़तरनाक मोड़ तथा सस्पेंस से भरा रहता और एक भयानक अनुभव के साथ समाप्त होता है। इन्हीं एडवेंचर के साथ रिक आप को हल्के-फुल्के अन्दाज़ में विज्ञान और दर्शन के कुछ महत्वपूर्ण और गूढ़ सिद्धांतों से भी परिचय करवाता है। रिक नीत्शे की तरह देता है “The key of life is to live dangerously.” रिक कहता है “To Live Is To Risk It All. Otherwise, You’re Just An Inert Chunk Of Randomly Assembled Molecules Drifting Wherever The Universe Blows You.” [जीने का मतलब है, सब कुछ दांव पर लगा देना। वर्ना आप बस एक बेतरतीब ढंग से बने निष्क्रिय अणु बनकर रह जाएंगे जिसे ब्रह्माण्ड जहाँ चाहे उड़ाता रहेगा।]

यह रिक की नज़र में प्रमाणिक जीवन का सार है। रिक को किसी भी चीज़ से प्रेम नहीं है। वह किसी दूसरे आयाम में जा कर ख़ुद को और अपने परिवार को गोली मार सकता है, वह पूरी सभ्यता को बम से उड़ा देता है और उसे रत्ती भर भी अफ़सोस नहीं होता। वह जीवन को वीडियो गेम से खास अलग नहीं समझता जहाँ अगर मार्टी मर जाए या उस की बेटी मर जाए तो वह किसी दूसरी रियलिटी से उन को बदल सकता है या उनका कोलन बना सकता है। रिक अपने स्वभाव में पूरी तरह अराजकतावादी है।

Rick and Morty का हर एपिसोड 22-24 मिनट का रहता है और इतनी ही देर में यह आप को एक पूरी थ्योरी समझा देता है। अधिकतर एपिसोड किसी मशहूर फिल्म या घटना से प्रभावित होता है ताकि आप आसानी से ख़ुद को उस कहानी से जोड़ सकें। फिर उस फ़िल्म या घटना को आधार बना कर कहानी को आगे बढ़ाया जाता है। इस तरह देखें तो हर एपिसोड की कहानी 8 चरणों में घटित होती है। 1- एपिसोड शुरू होते ही रिक एंड मार्टी कुछ करने की सोचते हैं। 2- फिर कोई छोटी सी समस्या सामने आती है। (मार्टी इस से हर बार भागना चाहता है) 3- इस समस्या को देखते हुए रिक और मार्टी को कुछ निर्णय लेने होते हैं। 4- इन निर्णयों के बाद वह ख़ुद को एक नई परिस्थिति में फंसा पाते हैं। 5- वह इस परिस्थिति से निकलने का प्रयास करते हैं। 6- इन के समाधान कुछ नए परिणाम पैदा करते हैं। 7- इन परिणामों के बाद पुरानी स्थिति में जाना संभव नहीं रहता। 8- रिक एंड मार्टी नई परिस्थितियों को स्वीकार कर के परिवर्तन का स्वागत करते हैं।

आप को यह सीरीज़ क्यों देखना चाहिए?

  1. यह सीरीज़ अस्तिववाद को आसान भाषा में समझाती है

हम यह जानते हैं को अस्तित्ववाद का जन्म ही साहित्य और कला से हुआ है। यह सीरीज़ यह समझाती है कि विज्ञान आप को कारण-कार्य सम्बन्ध तो बता सकता है पर आप को जीवन का मक़सद नहीं दे सकता। इस के लिए आप को दर्शन की शरण में जाना होगा। यह सीरीज़ दो दर्शन-निहिलिस्म और अस्तित्ववाद (Existentialism) के बीच मानव जीवन के अर्थ को समझने और समझाने में मदद करती है। यह सीरीज़ मानव द्वारा बनाए गए तमाम मिथ (न्याय, धर्म, राष्ट्र, मानवाधिकार, लोकतंत्र, पूंजीवाद, समाजवाद आदि) पर एक आलोचनात्मक, दार्शनिक-वैज्ञानिक व्याख्या करती है। नाइलीस्ट इस ब्रह्माण्ड के और मनुष्य के किसी भी अर्थ को स्वीकार करने से इंकार करते हैं। वह धार्मिक और नैतिक आदर्शों का भी इंकार करते हैं। इस वजह से नाइलीस्ट किसी भी प्रकार का उत्तरदायित्व (भावनात्मक, नैतिक सामाजिक आदि) से स्वयं को मुक्त रखते हैं। एक जगह मार्टी कहता है “Nobody Exists On Purpose. Nobody Belongs Anywhere. We’re All Going To Die. Come And Watch T.V.” [कोई भी किसी मक़सद के लिए जिंदा नहीं है। कोई कहीं से भी संबंध नहीं रखता। हम सब एक दिन मर जाएंगे। चलो टीवी (टेलीविज़न) देखते हैं।] वहीं इस सीरीज़ में मिस्टर मीसीक्स (Mr. Meeseeks) नामक एलियन के ज़िन्दगी का मक़सद किसी समस्या को हल करना है। अगर वह समस्या को हल नहीं कर पाता तो वह परेशान हो जाता है। फिर इस हिसाब से मनुष्य के जीवन का अर्थ क्या है? अस्तित्ववादी हेगल (Georg Wilhelm Friedrich Hegel) की तार्किकता के खिलाफ थे। अस्तिववाद मनुष्य के अस्तित्व के बाद ही मनुष्य के अर्थ की बात करते हैं। वह कहते हैं कि मनुष्य का अस्तित्व ही उसकी अपनी और पुरे ब्रह्माण्ड की व्याख्या करता है। उन का मानना है कि मनुष्य स्वतंत्र रूप से अपने चुनाव के आधार पर ही अपने जीवन का लक्ष्य/अर्थ तय करता है और यह अर्थ और लक्ष्य पूरी ज़िंदगी चलता रहता है। इस प्रकार मनुष्यों का न कोई एक लक्ष्य/अर्थ है, न कोई एक आदर्श और न ही कोई एक अवधारणा (idea)। यही वजह है कि मनुष्य और वस्तु में अन्तर है, वस्तु का अर्थ/आईडिया/सार उस वस्तु के बनने से पहले आ जाता है। जैसे चाकू बनने से पहले हमें पता है कि उस का काम काटना है। मनुष्य के पास चयन की आज़ादी है और इस प्रकार हम अपना अर्थ और लक्ष्य बदलते हैं। अगर हम यह मान लेंगे की मनुष्य का कोई आईडिया है, कोई एक अर्थ है तब हम मनुष्य को वस्तु ही बना देंगे। जैसे कि अगर हम औरत, दलित, दास का पहले से कोई आईडिया कोई सार मान लेते हैं तो फिर हम यह उम्मीद करते हैं कि दलित/दास या औरत होगी तो कुछ जन्मजात गुण के साथ पैदा होगी और उन्हीं गुणों के अनुसार उनसे कार्य को करवाना प्राकृतिक है, न्यायसंगत है। इस विचार का विरोध करते हुए सिमोन द बोआर ने कहा था, “औरत पैदा नहीं होती (मतलब औरत का कोई आईडिया पहले नहीं होता), औरत बनाई जाती है।” मानव अस्तित्व के बाद ही उस का सार बनता है और मानव अस्तित्व ही बाक़ी सत्ता का अस्तित्व बनाता है जैसे ईश्वर, राष्ट्र, मानवता आदि। अस्तित्ववादियों का मानना है कि मानव का अस्तित्व इस संसार से अलग नहीं होता है। मानव को मानवीय भावना और उसके सामाजिक परिवेश से काट कर व्याख्या नहीं की जा सकती है। मानव जो भी है वह अपने चुनाव की वजह से है। इसी वजह से अस्तित्ववादियों के लिए प्रमाणिक जीवन का आधार अपने चुनाव के प्रति उत्तरदायी होना है। एक अस्तित्वमान व्यक्ति निराश होगा, वह चिंतित होगा क्योंकि यही जीवन का आधार है। निराश और चिंता ही मानव जीवन को न्याय आयाम देती है। मनुष्य ने जो भी संस्था और संगठन बनाए हैं वह निराश और चिंता से लड़ने के लिए ही बनाए हैं। रिक एंड मार्टी में ऐसी कई स्थितियां आएंगी जो आप को मानव अस्तित्व को समझाने में मदद करेंगी। आप को समझाएगी कि मनुष्य तर्क से या वस्तुनिष्ठता (Objectivity) से नहीं बल्कि भावनाओं से व्यक्तिनिष्ठता (Subjectivity) से अपनी ज़िंदगी को चलाता है। सुंदरता को हम तार्किकता से नहीं समझ सकते यह एक मानवीय भावना है जो अनुभव की जाती है। सुंदरता का कोई सर्वमान्य नियम नहीं बनाया जा सकता है। एक एपिसोड ‘Something Ricked This Way Comes’ अस्तित्ववादियों पर कमेंट करता है। रिक एक रोबोट बनाता है जिस का मक़सद खाने की मेज़ पर मक्खन देना होता है। वह रोबोट रिक से पूछता है:

Butter robot: What is my purpose?
Rick: You pass the butter.
Butter robot: Oh my God!
Rick: Yeah, welcome to the club, pal!

(बटर रोबोट: मेरा उद्देश्य क्या है?
रिक: आप मक्खन पास करते हैं।
बटर रोबोट: हे भगवान!
रिक: हाँ, क्लब में आपका स्वागत है, दोस्त!)

  1. विज्ञान और मानवीय भावना के द्वंध पर बात करती है

यह सीरीज़ सुख और प्रेम जैसी मानवीय भावना की वैज्ञानिक व्याख्या भी प्रस्तुत करती है। अगर सुख और प्रेम का अनुभव एक केमिकल रिएक्शन है जो सेरोटोनिन, डोपामाइन और ऑक्ससिटोसिंन से आती है तो क्या मानव को उचित मात्रा में इन केमिकल की ज़रूरत है या दूसरे किसी व्यक्ति के साथ की! जैसे-जैसे सुख की जैव रासायनिक तलाश गति पकड़ती जाएगी, वैसे-वैसे वह राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था को भी नया रूप देगी और उस को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो बड़े पैमाने पर दवा कम्पनियाँ ऐसी दवा बनाने लगेंगी जो आप को प्रेम और सुख का अनुभव कराए। फिर क्या होगा? क्या मनुष्य नशेड़ियों की तरह इन दवाओं का सेवन कर के सामाजिक-भावनात्मक संबंधों को तोड़ कर आत्मकेंद्रित स्वार्थी व्यक्ति बन जाएगा? क्या यही मनुष्य का भविष्य है? इस सीरीज़ में रिक कहता है, “Listen Morty, I hate to break it to you, but what people call ‘love’ is just a chemical reaction that compels animals to breed. It hits hard, Morty, then it slowly fades, leaving you stranded in a failing marriage. I did it. Your parents are gonna do it. Break the cycle, Morty. Rise above. Focus on science.” [ (सुनो मोर्टी , मैं यह कहना तो नहीं चाहता लेकिन जिसे लोग ‘प्यार’ कहते हैं वह सिर्फ एक रासायनिक प्रतिक्रिया है जो जानवरों को प्रजनन करने के लिए मजबूर करती है। मोर्टी, यह बहुत तेजी से परवान चढ़ती है, और फिर धीरे धीरे कम होती जाती है, पर आप एक बंधन में फंस जाते है, जिसे शादी कहते है। मेरी शादी असफ़ल रही, तुम्हारे माता पिता ऐसा करने वाले हैं। इस चक्र को तोड़ो मोर्टी, इन सब से बाहर निकलो। विज्ञान पर ध्यान लगाओ।)

  1. यह आप को अनंत: आकाशगंगा की सैर कराती है

यह सीरीज़ आप को ब्रह्माण्ड के कई दिलचस्प सिद्धांतों को समझाती है जैसे डार्क मैटर, ब्लैक होल, वार्म होल, समानान्तर ब्रह्माण्ड, अनंत ब्रह्माण्ड (Multiverse) और अनंत अस्तित्व (Infinite Existence) अर्थात अगर किसी भी चीज़ के करने की जितनी संभावनाएं बनती हैं वह सब की सब किसी न किसी ब्रह्माण्ड में घटित होती हैं। जैसे इस वक़्त आप यह लेख पढ़ रहे हैं, किसी दूसरे ब्रह्माण्ड में आप इस लेख को पढ़ चुके हैं, किसी तीसरे में आप इस लेख को जानते भी नहीं हैं। इस प्रकार ब्रह्माण्ड में अनंत सम्भावनाऐं और अनन्त वास्तविकता मौजूद है। याद करें यहाँ जैन दर्शन के अनेकान्तवाद को, जो कहता है कि कोई एक सत्य नहीं है, तुम केवल अपने हिस्से का एक आंशिक सत्य जानते हो। जैसे, सात अंधे एक हाथी की व्याख्या उसी तरह कर पा रहे थे जितना सत्य (हाथी) उन के हाथ लगा जिसने हाथी का कान पकड़ा उसके लिए हाथी सूप की तरह है, जिस ने हाथी का पैर पकड़ा हाथी उस के लिए खम्बे की तरह है और जिस ने हाथी की सूंड पकड़ी हाथी उस के लिए पाईप की तरह है। इन में से कोई भी झूठ नहीं बोल रहा है पर कोई भी पूरा सत्य भी नहीं बोल रहा है। इस के साथ ही यह सीरीज़ सत्य के व्यक्तिनिष्ठ और वस्तुनिष्ठ पहलुओं को समझाती है। वैज्ञानिक सत्य और मनुष्यों के सत्य के भेद को समझाती है। एक मनुष्य के लिए सत्य वह है जिससे उस का जीवन प्रभावित हो रहा है। यही वजह है कि आज वैज्ञानिक क्रांति के दौर में भी मनुष्य उन मान्यताओं को सत्य मानता है जो वैज्ञानिक दृष्टि से कपोल-कल्पनाएं हैं। मानव के सत्य से ही आस्था भी पैदा होती है। जिसे हम रिक एंड मोर्टी के एपिसोड Get Schwifty में देखते हैं।

  1. मनुष्य विशेष नहीं है, इस सत्य से हमारा साक्षात्कार कराती है

यह सिरीज़ पृथ्वी ग्रह से बाहर जीवन की वैज्ञानिक सम्भावनाओं को प्रस्तुत करती है। यह बताती है कि हमारे पृथ्वी ग्रह जैसे इस आकाशगंगा में असंख्य ग्रह हैं। जहाँ जीवन का होना कोई नई चीज़ नहीं होगी। मनुष्य इस सृष्टि (Universe) में कोई अनोखा प्राणी नहीं है। हम से पहले ही पृथ्वी पर डायनासोर थे, आज वह समाप्त हो गए और मनुष्यों को इस से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। इस अनंत: ब्रह्माण्ड में करोड़ो जीवन पैदा होते हैं और समाप्त हो जाते हैं। कल अगर परमाणु युद्ध में सारे मनुष्य समाप्त हो जाएंगे तो 10 हज़ार साल बाद के विकसित चूहों और काकरोचों को इस से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा कि कभी यहाँ मनुष्य रहा करते थे। यह सीरीज़ हमारी जीवन की कल्पनाओं को नया आकार देती है। आज तक मनुष्य जीवन को कार्बन बेस लाइफ में ही संभव मानता है जबकि जीवन इस से अलग भी सम्भव हो सकता है। ‘Morty night Run’ एपिसोड में हम ‘Fart’ नामक जीव को देखते हैं जो गैस फॉर्म पर आधारित जीव है।

हम यह जानते हैं कि क्लोन (Clone) अब कोई कल्पना नहीं है। मनुष्य ने इससे और भी अधिक प्रगति कर ली है। रिक इंसान के क्लोन के साथ ही नए-नए जीव पैदा करता है। मतलब निर्जीव चीज़ों (Non living thing) से संजीव चीज़ें (Living thing) पैदा करना। रिक हमें बार-बार यह समझाता है कि जीवन पैदा करना कोई ईश्वरीय काम नहीं। यह बस सही मात्रा में केमिकल (जेनेटिक) रिएक्शन का होना है। सीरीज़ जेनेटिक इंजीनियरिंग, रि-जनरेटिव मेडिसिन और अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी की अपार संभावनाओं को दर्शाती है और मानव के अतिमानव बनने की कहानी बयान करती है। इस सीरीज़ में रिक जेनेटिक इंजीनियरिंग के ज़रिये Abradolf Lincler (हिटलर और अब्राहम लिंकन का हाइब्रिड) को बनाता है। यह केवल कल्पना नहीं है बल्कि हमारा आने वाला भविष्य है। जब इंसान बच्चे के पैदा होने से पहले ही उस की चमड़ी का रंग, उस की आँखों की पुतलियों के रंग के साथ उस के रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता के साथ उसकी बौद्धिक क्षमता को भी नियन्त्रित कर पाएगा। मानव क्लोनिंग पर प्रतिबंध के कारण निकट भविष्य भले ही ‘अमरता’ (अमर हो जाना) के करीब न दिखता हो पर जेनेटिक इंजीनियरिंग की वजह से हम अजरता (रोगमुक्त रहना/बुढ़ापा ना आना) के बहुत नज़दीक पहुँच चुके हैं। रिक उस इन्सान का प्रतिनिधित्व करता है जो देवता बन चुका है। रिक कहता है “I’m a scientist; because I invent, transform, create, and destroy for a living, and when I don’t like something about the world, I change it.” [मैं एक वैज्ञानिक हूं; क्योंकि मैं जीवित रहने के लिए आविष्कार, परिवर्तन, निर्माण और विनाश करता हूं, और जब मुझे दुनिया के बारे में कुछ पसंद नहीं होता तो मैं इसे बदल देता हूं।”]

  1. वैज्ञानिक कल्पना ही वैज्ञानिक वास्तविकता का आधार है

रिक और मॉर्टी का हर एपिसोड आप को विज्ञान की अनंत सम्भवनाओं के महसागर में गोते लगवाता है और यह समझाने की कोशिश करता है कि जिसे आज आप वैज्ञानिक गप और कल्पना कहकर नकार रहे हैं कल वह वास्तविकता बन कर आप के सामने खड़ी नज़र आएगी। इस शो में विज्ञान की कल्पनाओं को बहुत गंभीरता से लिया गया है। सीरीज़ को इस तरह बनाया गया है कि हम वैज्ञानिक गुणा-गणित करने की बजाए वैज्ञानिक सम्भावनाओं को स्वयं अनुभव करें। यह सीरीज़ आप को वर्चुअल रियलिटी से एक क़दम आगे ले कर जाती है। Mortynight Run, Night Shaym-Aliens और Never Ricking Morty एपिसोड में आप को Computer Simulation द्वारा रची गई वास्तविकता को बताती है और समझाने की कोशिश करती है कि हम जिसे वास्तविक मानते हैं ज़रूरी नहीं कि वह वास्तविक ही हो जैसा कि मशहूर फ़िल्म ‘मैट्रिक्स’ में दिखाया गया है। फ़िल्म के उस सीन को याद करें जब एक व्यक्ति फ़िल्म के हीरो ‘नियो’ के पास आता है और उसे दो गोलियाँ दिखाता है। नीली गोली खाते ही वह सो जाएगा और जब उठेगा तो उसे कुछ याद नहीं रहेगा जबकि अगर वह लाल गोली खाता है तो उसे इस दुनिया की वास्तविकता का पता चल जाएगा। हीरो (नियो) लाल गोली खाता है और उस की आँख जब खुलती है तो वह चारों तरफ़ से मशीनों से घिरा होता है। अब तक वह जिस दुनिया में था उस का कोई वजूद ही नहीं है। वह दुनिया एक भ्रम थी जिसे वह हक़ीक़त मान कर जी रहा होता है। कुछ ऐसा ही आदि शंकराचार्य का दर्शन अद्वैतवाद भी है। उस के अनुसार यह पूरी दुनिया एक भ्रम है, आत्मा और परमात्मा एक ही है। हमें अज्ञानता के कारण ही यह दोनों अलग-अलग प्रतीत होते हैं। जिस दिन ये भ्रम ख़त्म हो जाएगा तो हमें मोक्ष मिल जाएगा। मोक्ष क्या है? शंकर के दर्शन में यह जान लेना कि, “अहं ब्रह्मास्मि अर्थात मैं ही ब्रह्मा (ख़ुदा) हूँ!” मैं ही उस ईश्वर का हिस्सा हूँ। इस हिसाब से रिक के लिए मोक्ष क्या होगा? यह जान लेना कि इस जीवन का कोई अर्थ ही नहीं है। रिक अपनी बेटी बेथ से कहता है, “When you know nothing matters the universe is yours, and I’ve never met any universe that was into it. The universe is basically an animal that grazes on the ordinary, it creates infinite idiots just to eat them… Smart people get a chance to climb on top, take reality for a ride, but it will never stop trying to throw you and eventually it will, there’s no other way off.” [जब तुम यह समझ जाते हो कि इस ब्रह्माण्ड में कुछ भी मायने नहीं रखता, तब यह ब्रह्माण्ड आप का हो जाता है। यह ब्रह्माण्ड एक जानवर है जो सामान्य जीव को अपना चारा बनाता है, यह अनगिनत मूर्खों को पैदा करता है ताकि उन्हें खा सके…. होशियार लोगों को मौक़ा मिलता है ऊँचाई पर पहुंचने का, वास्तविकता को समझने का, पर यह ब्रह्माण्ड हमेशा उन्हें नीचे गिराने में लगा रहता है और अन्तत: कामयाब भी हो जाता है, इस प्रक्रिया से बचने का कोई तरीक़ा नहीं है।]

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रिक एंड मॉर्टी सीरीज़ के शब्द कोष:
Earth Dimension C-137-

Dimension C-137 multuniverses का वह ग्रह है जहाँ मेनस्ट्रीम रिक और मॉर्टी रहते हैं। रिक और मॉर्टी! ने इस ग्रह को पहले ही तबाह कर दिया है और अब वह दूसरे ब्रह्माण्ड की दूसरी वास्तविकता में रह रहे हैं।

Galactic Federation-
यह ब्रह्माण्ड की एक पुलिस फोर्स है जो अपराध को रोकती है और सन्तुलन बनाने का काम करती है।

Interdimensional Cable-
यह एक केबल बॉक्स है जो पूरे ब्रह्माण्ड के अनन्त वास्तविकता के TV shows को दिखाता है।

Portal Gun-
यह वह गन है जो अलग ब्रह्माण्ड (dimensions) का पोर्टल खोलती है। जिस की मदद से रिक एक जगह से दूसरी जगह जाता है।

The Transdimensional Council of Ricks-
हर ब्रह्माण्ड की हर वास्तविकता में एक रिक है। इस तरह के कुछ हज़ार रिक मिल कर एक संगठन बनाते है ताकि वह अपने ज्ञान और अपने अविष्कारों की सुरक्षा कर सकें।

Wubalubadubdub-
रिक बार बार ये वाक्य (catchphrase) दोहराता है। बर्ड पर्सन जो रिक का दोस्त है उसकी भाषा मे इस वाक्य का मतलब है, “I am in a great pain, please help me." [मैं बहुत दुःख में हूँ मेरी मदद करो।]


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लेनिन मौदूदी लेखक हैं एवं  DEMOcracy विडियो चैनल के संचालक हैं और अपने पसमांदा नज़रिये से समाज को देखते-समझते-परखते हैं.

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