आंबेडकरवाद क्यों जरूरी है?

संजय श्रमण (Sanjay Shraman) डॉक्टर अंबेडकर ने कहा है कि भारत का इतिहास असल में श्रमण और ब्राह्मण संस्कृति के संघर्ष का इतिहास है। इस बात को धार्मिक-दार्शनिक विकास सहित परंपराओं, कर्मकांडों, देवी-देवताओं के विकास के स्तर पर भी बहुत दूर तक समझा जा सकता है। ना केवल भौतिक संसाधनों की लूट एवं अधिकार के लिए संघर्ष के संदर्भ में […]

एक समाज जो बिस्तर पर स्वीकार्य किन्तु तथाकथित सभ्य समाज में नहीं

क्रांति खोड़े (Kranti Khode) भारतीय सामाजिक व्यवस्था जो कि चार्तुवर्ण पर आधारित है. यह मनुवादी चातुर्वण व्यवस्था कहती है कि ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैष्य, शुद्र जो जिस जाति में पैदा हुआ वह उस जाति का जाति आधारित काम करेगा. उनका काम ऊपर के तीनों समाजों की सेवा करना है. यह व्यवस्था आज भी मजबूती से अपने पैर जमाए हुए है. शुद्र […]

2021 में बहुजन किस धर्म की और रुख़ करेंगे?

satvendra madara

सतविंदर मनख (Satvendar Manakh) 2021 में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों का धर्म क्या होगा? हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन? 2021 में अगली जनगणना होने जा रही है। इसमें पिछड़े, दलित, आदिवासी(OBC, SC, ST) क्या फिर से अपने को “हिन्दू” लिखवाएंगे? या जिस धर्म ने उन्हें शूद्र, अछूत, ग़ुलाम बनाया, वो इसे छोड़ “इस्लाम, ईसाई, सिख, बौद्ध या जैन” धर्म अपनाएंगे […]

ऑनलाईन शिक्षण-प्रणालीः वर्तमान चुनौतियाँ और ग्रामीण एवं दलित छात्रों का हाशियाकरण

दीपक कुमार (Deepak Kumar), ज्योति दिवाकर (Jyoti Diwakar) वर्तमान में भारत समेत, विश्व के 195 देश कोविड– 19 (कोरोना वायरस) से प्रभावित है. इस महामारी में लोग सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं. इसके साथ ही भारत की शिक्षा-व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. इस महामारी वजह से सरकार नई शिक्षा नीति– 2019 के तहत ऑनलाईन […]