धर्म की व्याख्या का खेल

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) कुछ दिनों पहले एक फ़िल्म देखी The Birth of A Nation. ये फ़िल्म नैट टर्नर नामक गुलाम पे आधारित है जिसने गुलामी के विरुद्ध 1831 में अमेरिका में विद्रोह किया था. इस फिल्म के नायक नैट टर्नर को उसके गोरे मालिक पढ़ना सिखाते हैं. पर सिर्फ वहीं तक कि वह बाइबिल पढ़ सके उससे आगे उसे पढ़ने […]

मुस्लिम समाज में ऊँच-नीच की सत्यता

एड0 नुरुल ऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) ‘वह झूठ नंगी सड़क पर उठाते फिरता है, मैं अपने सच को छिपाऊँ ये बेबसी मेरी’ कुछ लोग बड़े दावे से कहते है कि भारतीय मुसलमानों में व्याप्त ज़ात-पात/ ऊँच-नीच की बीमारी दूसरे शब्दों में किसी को हसब-नसब (वंश) की बिनाह पर आला (श्रेष्ठ), अदना (नीच/छोटा) समझने की विचारधारा की वजह […]

सर सय्यद अहमद खां – शेरवानी के अन्दर जनेऊ

masood alam falahi

  मसूद आलम फलाही (Masood Alam Falahi) मौलाना मुहम्मद क़ासिम सिद्दीक़ी नानौतवी के गुरु मौलाना ममलूक अली नानौतवी के शिष्य1 सर सय्यद अहमद खां (1817-1898) जिन्होंने क़ुरान मजीद की तफ़सीर (अनुवाद) लिखी और अलीगढ़ में (1875) में “मोहम्मडन एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज (मदरसा-तुल-उलूम)” खोला जो 1920 में ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी’ में परिवर्तित हो गया. वो शैक्षिक मिशन रुपी नाव के मल्लाह थे […]

दरअसल बाबरी मस्जिद पसमांदा समाज का मुद्दा है ही नहीं

Shafiullah Anis

  शफ़ीउल्लाह अनीस (Shafiullah Anis) हर समाज के अपने मुद्दे होते हैं। जिस तरह से विकसित देश के मुद्दों को पहली दुनिया की समस्या (first world problems) कहा जाता हैं और विकासशील देशों के मुद्दों को तीसरी दुनिया की समस्या (third world problems) कहा जाता हैं, उसी तरह पसमांदा समाज और अशराफ समाज के मुद्दे भी अलग अलग हैं। अमेरिका […]

हक़ की बात समाज को बांटने वाली बात भला कैसे हो गई?

Faiyaz Ahmad Fyzie

  फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie) अशराफ अक्सर पसमांदा आंदोलन पर मुस्लिम समाज को बांटने का आरोप लगाकर पसमांदा आंदोलन को कमज़ोर करने की कोशिश करता है। जिसके चपेट में अक्सर पसमांदा आ भी जाते हैं। जबकि पसमांदा आंदोलन एक वंचित समाज को मुख्यधारा में लाने की चेष्टा, सामाजिक न्याय का संघर्ष, हक़ अधिकार की प्राप्ती का प्रयत्न है। […]

मुस्लिम तुष्टिकरण का सच

Faiyaz Ahmad Fyzie

  फ़ैयाज़ अहमद फैज़ी भारत देश की जलवायु भूमि और भौतिक सम्पदा से आकर्षित हो कर बहुत सारे आक्रमणकारी, व्यापारी और पर्यटक यहाँ आए। कुछ ने सिर्फ व्यापार तक ही खुद को सीमित रखा, कुछ लूट पाट करके वापस हो गए, कुछ ने व्यापार के साथ अपना राजनैतिक स्वार्थ भी सिद्ध किया, कुछ ने सिर्फ थोड़े समय के लिए निवास […]

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और पसमांदा प्रश्न

Faiyaz Ahmad Fyzie

  फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी  मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने स्थापना  से लेके आजतक ये दावा करता आया है कि वह इस देश में बसने वाले सबसे बड़े अल्पसंख्यक समाज की एक अकेली प्रतिनिधि संस्था है, जो उनके व्यक्तिगत एवम् सामाजिक मूल्यों को, जो इस्लामी शरीयत कानून द्वारा निर्धारित किये गए हैं, देखने भालने का कार्य सम्पादित करती है। इसके अतिरिक्त […]