हरिजन नहीं हरिद्रोही बनो (कविता)

Suraj k Bauddh

सूरज कुमार बौद्ध (Suraj Kumar Bauddh)     अब संतोष नहीं संताप करो नवीन इतिहास का परिमाप गढ़ो अपने हक हुक़ूक़ हेतु आरोही बनो  विद्रोही बनो! विद्रोही बनो!   गुलामी के अस्तबल से बाहर निकल  अटल अडिग अश्वरोही बनो विद्रोही बनो! विद्रोही बनो!   वे सर्वोच्चता की ललक में रक्तपिपासु हो गए हैं एक एक करके, बारी बारी मार कर […]