एक नन्हीं कहानी – थोड़ी कविता की रंगत में गुरिंदर आज़ाद (Gurinder Azad) वो अचानक से प्रकट हुआ कहने लगा इस देश का पेट ख़राब है भ्रष्टाचार के कीड़े हैं इसमें खोखला हो रहा है ये मेरे पास दवा है मेरे साथ आओ देश भक्त बनो देश भक्ति दिखाओ सभी ने उसकी बात को […]