संजय जोठे (Sanjay Jothe) भारत का दार्शनिक और नैतिक पतन आश्चर्यचकित करता है. भारतीय दर्शन के आदिपुरुषों को देखें तो लगता है कि उन्होंने ठीक वहीं से शुरुआत की थी जहां आधुनिक पश्चिमी दर्शन ने अपनी यात्रा समाप्त की है. हालाँकि इसे पश्चिमी दर्शन की समाप्ति नहीं बल्कि अभी तक का शिखर कहना ज्यादा ठीक होगा. कपिल कणाद और पतंजली […]
ओशो रजनीश के बुद्ध प्रेम का असली कारण और मकसद क्या है?
संजय जोठे (Sanjay Jothe) भारत के ईश्वर-आत्मावादी धर्मगुरु भारत के सबसे बड़े दुर्भाग्य रहे हैं, क्योंकि भारत का परलोकवादी और पुनर्जन्मवादी धर्म इंसानियत के लिए सबसे जहरीले षड्यंत्र की तरह बनाया गया है. हर दौर में जब समय के घमासान में बदलाव की मांग उठती है और परिस्थितियाँ करवट लेना चाह रही होती हैं तब कोई न कोई धूर्त […]