वो नक़्शे-कदम जो तारीख में कभी मद्धम नहीं पड़ते

पसमांदा-बहुजन आन्दोलन के सिपाही मुर्तुज़ा अंसारी जी को याद करते हुए फ़ैयाज़ अहमद फैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie) बस अब गोरखपुर शहर में दाखिल हो चुकी थी. धीरे धीरे रेंगती हुई बस स्टॉप की तरफ बढ़ रही थी. मैं मीटिंग में जल्द से जल्द पहुंचना चाह रहा था. गोरखपुर मेरे लिए अंजाना था और मैं गोरखपुर के लिए बिल्कुल नया. लेकिन मेरे […]

मुस्लिम राजनीति के मुद्दे बनाम पसमांदा मुद्दों की राजनीति

Lenin Maududi

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) मियां-बीवी औसत 3 बच्चे, दो कमरे का घर. उसमे से एक कमरे में पॉवर लूम लगा हुआ रहता है. जो तब तक चलता है जब तक लाइट रहती है. इस पॉवर लूम को घर के सभी सदस्य मिल के चलाते हैं. उत्तर प्रदेश में लाइट का हाल आप को पता ही है पूरे दिन में मुश्किल से […]