शौच और शौचालय की नजर से भारतीय संस्कृति के ‘शीर्षासन माडल’ का विश्लेषण

Sanjay Jothe1

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) “…. यहाँ जिन लोगों को ब्रह्मपुरुष के मस्तिष्क ने जन्म दिया उनका मस्तिष्क कोइ काम नहीं करता, भुजाओं से जन्मे लोगों की भुजाओं में लकवा लगा है, उन्होंने हजारों साल की गुलामी भोगी है, पेट से जन्मे वणिकों ने अपना पेट भरते भरते पूरे भारत के पेट पे ही लात मार दी और गरीबी का […]