मुस्लिम आरक्षण बनाम पसमांदा आरक्षण

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) जब मुसलमानों में जाति का सवाल उठता है तो कई मुस्लिम विद्वान छटपटाहट के साथ कहते हैं – कुरान में जात-पात कहाँ? पर यहाँ सवाल कुरान का नहीं उसकी व्याख्या का है. किसी भी किताब की व्याख्या कोई लेखक करता है और लेखक हमारे इसी समाज के होते हैं. लेखक की समाजी हैसियत का असर उसकी […]