लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi)
भीड़तंत्र और सांप्रदायिकता के खिलाफ मऊ नागरिक मंच और टीम डेमोक्रेसी(DEMOcracy) की ओर से एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन हर तरह की भीड़ के खिलाफ था जो खुद को कानून-व्यवस्था से ऊपर समझती है । इस विरोध प्रदर्शन में इस बात को रेखांकित किया गया है कि भीड़तंत्र लोकतंत्र के लिये सबसे बड़ा ख़तरा है। जिसके शिकार व्यक्ति और स्वतंत्र विचार दोनों होते हैं। यह विरोध प्रदर्शन सरकार के साथ समाज को भी जगाने के लिए था ताकि समाज भीड़ के खिलाफ भीड़ न बन कर एक आवाज़ बन के उभरे। इसके साथ ही जनपद-मऊ के जिलाधिकारी को माननीय राष्ट्रपति महोदय के नाम एक मेमोरेंडम भी दिया गया जो कि नीचे दिया गया है.
मांगपत्र, 14.07.17 प्रतिष्ठा में, महामहिम राष्ट्रपति महोदय, भारत गणराज्य, नई दिल्ली। द्वाराः जिलाधिकारी, जनपद-मऊ।
विषयः बढ़ती हुयी साम्प्रदायिकता व भीड़तन्त्र द्वारा की जाने वाली हत्याओं से बढ़ रही असहिष्णुता के चलते देश में पैदा हुये विषाक्त वातावरण के विरूद्ध धरना द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय को अवगत कराने के सम्बन्ध में मांग पत्र।
मान्यवर,
‘मऊ नागरिक मंच’ के तत्वाधान में आज दिनांक 14.07.2017 को आयोजित एक विशाल सामूहिक धरना कार्यक्रम के माध्यम से हम आपका ध्यान देश में बढ़ रही असहिष्णुता, घृणा, सम्प्रदायिकता एवं उन्माद का वातावरण पैदा कर के कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा देश के कानून को हाथ में लेकर भीड़तंत्र के सहारे की जा रही हत्याओं की बढ़ती घटनाओं की ओर दिलाना चाहते हैं, जिससे हमारी मिलीजुली सांस्कृतिक जनवाद, लोकतांत्रिक मूल्यों और देश के संविधान को ज़बरदस्त खतरा पैदा हो गया है। सम्प्रदायिकता और नफरत का ज़हरीला प्रचार देश में दशकों से चला आ रहा है। मोदी सरकार के सत्ता में
आने के बाद यह और आक्रामक हो गया है। इस ज़हरीले प्रचार को न केवल सरकार का संरक्षण मिल रहा है बल्कि स्वयं सरकारी मशीनरी भी इस मुहिम में शामिल दिखायी दे रही है।
महामहिम राष्ट्रपति जी !
मोदी सरकार के सत्ता में आने के एक सप्ताह के भीतर ही पुणे में एक युवा इन्जीनियर मोहसिन शेख की पीट-पीट कर की गई हत्या से शुरु हुआ यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस नफरत के शिकार हुए, सताये गये और मारे गये लोगों की सूची बहुत लम्बी हो चुकी है। इस सूची में आये दिन नये नाम जुड़ रहे हैं, जिसमें नवीनतम नाम है जुनैद खान, जो महज़ 15 साल का मासूम बच्चा था।
यह सभी हत्याएं आर0एस0एस0 के उस ज़हरीले प्रचार की वजह से हो रही हैं जो गौ-रक्षक दलों तथा अन्य समूहों द्वारा देश में फैलाया जा रहा है। इस नफरत की राजनीति का शिकार मुख्य रुप से देश का दलित और मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय हो रहा है। देश में इधर कुछ दिनों में संगठित भीड़ द्वारा 28 से ज़्यादा बेकसुरों की जान ली जा चुकी है। गुजरात के उना में दलित उत्पीड़न की घटना तथा दलित रिसर्च स्कालर रोहित वेमुला की हत्या से देश भर का छात्र व नौजवान स्तब्ध है।
पश्चिमी बंगाल के नगर वशीर हाट में 65 वर्षीय कार्तिक घोश की हत्या और मऊ के नसीरपुर में मस्जिद में मौलवी यूनुस की की गयी हत्या से हमें स्पष्ट संदेश मिलता है कि सम्प्रदायिक और विघटनकारी शक्तियों द्वारा सम्प्रदायिकता और नफरत का वातावरण पैदा करके देश में ध्रुवीकरण की राजनीति को हवा दी जा रही है। यदि इसे अविलम्ब नहीं रोका गया और नफरत तथा द्वेष फैलाने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई नहीं की गयी तो हमारे देश की सांझी विरासत, गंगा-जमुनी संस्कृति तथा लोकतांत्रिक मूल्य सब कुछ दांव पर लग जायेगा।
मान्यवर!
खेद का विषय है कि इस तरह की घटनाओं के सम्बन्ध में सरकार का रवैया ऐसा रहा है जिससे हमलावरों को फायदा पहुंचाने की तथा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई न करने की नियत साफ-साफ नज़र आती है। मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा लम्बे समय तक इन घटनाओं पर खामोशी बरतने तथा घटनाओं में संलिप्त लोगों को कठोर कार्रवाई की चेतावनी न देने से मौन-सहमति का आभास हो रहा है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का रवैया भी अक्सर ऐसा ही रहता है जैसा कि 2 दिन पूर्व हरियाणा में मस्जिद के इमाम के साथ भी ऐसी घटना देखने को मिली है।
महामहिम राष्ट्रपति महोदय!
आप स्वयं भी भीड़तंत्र द्वारा देश में की जा रही हत्याओं पर अपनी गहरी चिंता कई बार व्यक्त कर चुके हैं।
अतः देश में ऐसे विशाक्त माहौल एवं गणतन्त्र विरोधी घटनाओं के विरोध में आज मऊ की छीतनपुरा ईदगाह के सहन में भारी संख्या में धरने पर बैठे सभी लोग सामूहिक रूप से आपसे विनम्र मांग करते हैं कि आप सरकार को निम्न बिन्दुओं पर निर्देशित करने की महति कृपा करें।
- देश में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिये ठोस और कारगर कदम उठाया जाये तथा जो व्यक्ति और संगठन भीड़ को उकसा कर वातावरण में नफरत का ज़हर घोल रहे हैं उन्हें चिन्हित कर के उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
- गौ-रक्षा के नाम पर तथाकथित गौरक्षक दल की गैर-कानूनी गतिविधियों पर रोक लगायी जाये।
- भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गये लोगों के परिजनों को जीवन-यापन के लिये भरपूर मुआवज़ा दिया जाये तथा इन हत्याओं के आरोपी व्यक्तियों पर समयबद्ध मुकदमा चलाकर उन्हें कठोर सज़ा दिलायी जाये।
- सामान्य प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा सभी नागरिकों की जान व माल की बिना किसी भेदभाव सुरक्षा सुनिश्चित की जाये तथा अपने कर्तव्यों का पालन न करने वाले तथा भेदभाव करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।
- मऊ जनपद के नसीरपुर गांव में मस्जिद में घटित हत्या की घटना की सीबीआई जांच करायी जाये।
- दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, छात्रों एवं यूवाओं तथा अन्य कमजोर लोगों पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगायी जाय।
उक्त बिन्दुओं को दुष्टिगत रखते हुये हमें आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि महामहिम उपर्युक्त मांगों का स्वयं संज्ञान लेते हुये सरकार को अविलम्ब ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देंगे।
– मऊ नागरिक मंच
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लेनिन मौदूदी लेखक हैं. पसमांदा नज़रिये से समाज को देखते-समझते-परखते हैं और अपने लेखन में दर्ज करते हैं.
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