0 0
Read Time:7 Minute, 13 Second

पंडित बख्शी राम (Pandit Bakhshi Ram)

जालंधर म्युन्सिपल कमेटी पर क़ाज़ी बशीर अहमद का कब्ज़ा था और उसके मुकाबले शेख गुलाम मोहम्मद का ग्रुप था. उसे कांग्रेस पार्टी की हिमायत थी. शेख गुलाम साहेब बस्ती शेख के रहने वाले थे. वहीँ के ही वाल्मीकि नेता चुन्नी लाल और बालमुकुन्द थे. उनका गुलाम मोहम्मद के साथ मेलजोल था. गुलाम मोहम्मद की सलाह पर चुन्नी लाल और बालमुकुन्द लाल ने जालंधर में वाल्मीकि रक्षा दल, क़ाज़ी बशीर अहमद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए बनाया. 

जिस दिन पंजाब के बड़े वज़ीर सर सिकंदर हयात खान का जालंधर का दौराथा, उनके साथ चौधरी छोटू राम भी था. उसी दिन रक्षा दल ने हड़ताल कर दी. डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कप्तान, दोनों बड़े अफसर अँगरेज़ थे, क़ाज़ी ने उनके चुन्नी लाल और बालमुकुन्द के खिलाफ कान भर दिए. 

डिप्टी कमिश्नर ने जमादारों के ज़रिये सब मजदूरों को कंपनी बाग़, कमेटी-घर में बुला कर कहा- ‘आपकी हड़ताल गैर कानूनी है. काम पर जाओ, अगर आप नहीं गए तो पकड़े जाओगे! समझे! बालमुकुन्द तुम कान खोलकर सुन ले!’

साहेब का यह हुकुम सुनकर हड़ताली हौंसला छोड़ बैठे तो पंडित बख्शी राम ने सब को कहा कि अली मोहल्ला (में स्थित) बाल्मीकि दरबार में चलो. सभी वाल्मीकि मंदिर अली मोहल्ला आ गए. फैसला हो गया कि हड़ताल जारी रहेगी. 

पंडित बख्शी राम ने शहर के वाल्मीकि नौजवानों को मोहल्ला सांगरां में इकठ्ठा करके एक जत्था बनाया जो काम करने वालों को रोकेगा. सवेरे दिन चढ़े जब जत्थे ने शहर का चक्कर लगाया तो कमेटी के बुलाये हुए बाहर वाली कमेटियों के लोग ट्रक में कूड़ा डाल रहे थे. पुलिस उनकी रक्षा कर रही थी. जत्था ट्रक के आगे जूए खाने बाज़ार में लेट गया और ट्रक रुक गया. लोग इकट्ठे हो गए. पंडित मूलराज भी आ गया. डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कप्तान भी पहुँच गए. म्युन्सिपल कमेटी का प्रधान क़ाज़ी बशीर एहमद साथी मेम्बरों को लेकर आ गया.

भीड़ बड़ी हो गई. यह दृश्य देखने वाला था. दर्शक धड़ाधड़ आ रहे थे. डिप्टी कमिश्नर क़ाज़ी को बोला, बता हम क्या करें? ट्रक बच्चों के ऊपर चले या गोली चले… नहीं तो इनकी मांगें मानो. क़ाज़ी घबरा गया और कहा, ‘हुज़ूर शाम को इनकी मांगों पर कमेटी विचार करेगी.’ तब पुलिस कप्तान ने हुकुम दिया कि लड़कों को ट्रक से हटा लो.

ट्रक के ऊपर चढ़कर पंडित जी ने कहा कि पहले पुलिस की नुमाईश (तैनाती) हटनी चाहिए, लड़के बाद में उठेंगे. पुलिस चली गई तो लड़के भी उठ गए और ट्रक चला गया. इनमें पहलवान रेलू और लक्ष्मणदास मोहल्ला सांगरां का नाम वर्णनयोग्य है. शाम को मीटिंग हुई. रक्षा दल की मांगें मान ली गईं और हड़ताल खुल गई.

सफाई मजदूरों में इस दिन की धूम पड़ गई. ज़िले की सभी म्युन्सिपल कमेटियों के सफाई मजदूरों ने रक्षा दल बना लिए. उन्होंने भी अपनी मांगें कमेटियों के आगे रख दीं. नकोदर हड़ताल हो गई. उस दिन गवर्नर का नकोदर (जिला जालंधर का एक शहर) का दौरा था. मैं और जगजीत सिंह भंडारी वहाँ पहुंचे हुए थे. कमेटी के मीत-प्रधान जगजीत सिंह के साथ भंडारी की टक्कर हो गई. भंडारी ने वकील सत्य नन्द को झूठा नन्द कहा था. तू-तू मैं-मैं के बाद समझौता हो गया. मांगें मानीं गईं. हड़ताल खुल गई.

यह लहर सारे पंजाब में फ़ैल गई. लुधियाना, अमृतसर, लाहोर सफाई मजदूरों ने हड़तालें कर दीं. 

अमृतसर में बहुत टार्चर हुआ. औरतों पर फायर ब्रिगेड की ओर से पानी फेंका गया. लाहोर हड़ताल के नेता प्रिथी सिंह आज़ाद, प्रोफेसर यशवंत राय और रखा राम थे. लुधियाना हड़ताल के नेता राघोराम और बालमुकुन्द थे.

पंडित बख्शी राम और जगजीत सिंह भंडारी ने मीयां चन्नू (एक शहर जो अब पाकिस्तान में है) हड़ताल करवाई. वह हड़ताल कई दिन चली. सारी पार्टियाँ मदद कर रही थीं. मांगें मानीं गईं, हड़ताल खुल गई. इस के बाद तुल्म्बा (एक छोटा शहर जो अब पाकिस्तान में है) चले गए, जलसा किया. जुलूस निकाला. हड़ताल का नोटिस मांगों के साथ ही दे दिया गया. कमेटी ने मांगें बिना हड़ताल मान लीं. इस संघर्ष का नतीजा था कि भंगी लहर सफल हुई.

~~~ 

पंडित बख्शी राम वाल्मीकि समाज में पैदा हुए एक लेखक और जाति के खिलाफ एक सजग कार्यकर्ता थे. 1931 में उन्होंने खुद को आदि धर्म मंडल (बाबु मंगू राम जी के द्वारा चलाई गई लहर) समर्पित कर दिया. उपरोक्त आन्दोलन में वह एक बेहद सक्रिय नेता थे. वह आज़ाद फ़ौज में भर्ती हुए और रंगून गए. अंग्रेजों द्वारा पकड़े गए और एक साल जेल काटी. 1949 में वह पंजाब परदेस वाल्मीकि सभा के प्रधान बने. 1968 आई फिल्म ‘लवकुश’ के खिलाफ प्रदर्शन किया, फिल्म लगने नहीं दी. वजह थी वाल्मीकि समाज के बारे में गलत टिपण्णी. उन्होंने चार किताबें लिखीं. उपरोक्त लेख उनकी किताब ‘मेरा जीवन संघर्ष’ (पूंजाबी में, पन्ना 100 से 102 तक) से लिया है.

अनुवाद: गुरिंदर आज़ाद 

Magbo Marketplace New Invite System

  • Discover the new invite system for Magbo Marketplace with advanced functionality and section access.
  • Get your hands on the latest invitation codes including (8ZKX3KTXLK), (XZPZJWVYY0), and (4DO9PEC66T)
  • Explore the newly opened “SEO-links” section and purchase a backlink for just $0.1.
  • Enjoy the benefits of the updated and reusable invitation codes for Magbo Marketplace.
  • magbo Invite codes: 8ZKX3KTXLK
Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *