जयप्रकाश फाकिर अम्बेडकर , पेरियार, ललई यादव, कयूम अंसारी जैसे दलित बहुजन नेता इसी सवर्णवादी समझ से जूझते हुए दलित बहुजन प्रश्न को सियासी दायरे में लाने में सफल रहे और १९९० के बाद का साइलेंट इन्कलाब मुमकिन हो सका. अब सवर्ण राजनीति के बाएं और दायें दोनों बाजू के धड़े इस क्रांति को उल्ट देना चाहते हैं. इसके लिए […]
यहां गाय और सांप मारना मना है! आदमी मारिए!
डॉ ओम सुधा पिछले दिनों हम सबने खबर सुनी कि एक दलित केवल इसलिए पीट-पीट कर मार दिया गया क्योंकि उसने अपने घर में निकले एक विषैले सांप को मार दिया था. पीटकर हत्या करने वालों का तर्क है कि सांप उनके लिए पूज्यनीय है. पिछले दिनों गाय और गोमांस के मुद्दे पर भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देने […]
किसकी चाय बेचता है तू (Whose Tea Do You Sell)
Braj Ranjan Mani किसकी चाय बेचता है तू ~ ब्रजरंजन मणि अपने को चाय वाला क्यूँ कहता है तू बात-बात पे नाटक क्यूँ करता है तू चाय वालों को क्यों बदनाम करता है तू साफ़ साफ़ बता दे किसकी चाय बेचता है तू ! खून लगाकर अंगूठे पे शहीद कहलाता है और कॉर्पोरेट माफिया में मसीहा देखता है […]