संजय जोठे (Sanjay Jothe) भारत के दलितों-बहुजनों के खिलाफ जो अन्याय अत्याचार हुआ है, जो हो रहा है और जो आगे भी कुछ समय तक जारी रहेगा उसके लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उनमे बहुत हद तक बहुजनों के हितैषी भी जिम्मेदार हैं. यह एक विचित्र और कठोर वक्तव्य है. लेकिन अनुभव बतलाता है कि यह सच बात है. […]
‘मुल्क’ फिल्म, अशराफ/सवर्ण राजनीति और पसमांदा दृष्टिकोण
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) आतंक से आतंकवाद का सफर लम्बा है. आदिकाल से मनुष्य आतंकित होता आ रहा है और आतंकित करता आ रहा है. मनुष्यों ने अपनी सत्ता को लेकर जो भी संस्था बनाई उसमे अक्सर आतंक को एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया. धर्म में ईश्वर का आतंक, परिवार में पितृसत्ता का आतंक, राज्य में सर्वभौमिक्ता का आतंक […]
आरक्षण, संविधान और बाबा साहेब के खिलाफ मनुवादी ज़हर
कुणाल रामटेके (Kunal Ramteke) दलितों, आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते जुर्म, आरक्षण के खिलाफ बनती नीतियाँ और संविधान के खिलाफ ज़हर उगलने की प्रिक्रिया इस मौजूदा मनुवादी सरकार में भयानक तेज़ी लिए हुए है. हालही में यूथ इक्वलिटी फाउंडेशन और आरक्षण विरोधी पार्टी द्वारा एस.सी./एस.टी. एक्ट में एस.एस/एस.टी समुदायों के हक में संशोधन के खिलाफ और जंतर मंतर पर संविधान […]
ख़ासी लीनिएज (lineage) बिल, संस्कृति और महिलाओं के सवाल
मोहम्मद इमरान (Mohammad Imran) पूर्वोत्तर के राज्यों में असम को छोड़ दें तो शायद ही किसी राज्य की चर्चा जोर-शोर से मेनस्ट्रीम न्यूज़ चैनलों खासकर हिंदी चैनलों में की जाती है. हाल ही में मेघालय डिस्ट्रिक्ट काउंसिल ऑफ ख़ासी हिल्स की ओर से ख़ासी हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट (ख़ासी सोशल कस्टम ऑफ लीनिएज) एक्ट 1997 में संशोधन किया गया है. […]