मैंने पसमांदा कार्यकर्ता बनने का फैसला क्यों किया

रज़ाउल हक़ अंसारी (Razaul Haq Ansari) शुरुआत करने के लिए, मैं अपने बारे में कुछ कहना चाहता हूँ. मैं झारखंड के देवघर से रज़ाउल हक़ अंसारी हूँ जो कि एक जुलाहा (बुनकर) जाति के एक मध्यम वर्गीय परिवार में पैदा हुआ. मैंने ग्रेटर नोएडा (एनसीआर) के एक निजी विश्वविद्यालय से प्रौद्योगिकी स्नातक (Bachelor of Technology) की पढ़ाई पूरी की है. […]

संतराम बी.ए. का सामाजिक आन्दोलन

डॉ.  बाल गंगाधर बाग़ी (Dr. Bal Gangadhar Baghi) बाबा साहब “जातिभेद का विनाश” जैसा लेख जिसके निमंत्रण पर लिखे थे उस मशहूर हस्ती का नाम सन्तराम बी.ए. था जिनका जन्म प्रजापति कुम्हार जाति में 14-02-1887 में हुआ था और मृत्यु 31-05-1988 को हुई. संतराम बी.ए. का जन्म बसी नामक गांव होशियारपुर, पंजाब में हुआ था. इनके पिता का नाम रामदास […]

उत्तर प्रदेश में लोकतान्त्रीकरण की प्रक्रिया में बहुजन समाज पार्टी का योगदान

जातीय वर्चस्व और लोकतंत्र विनोद कुमार (Vinod Kumar) उत्तर प्रदेश सामाजिक रूप से एक ऐसा राज्य है जहाँ सामंतवाद, और सवर्ण वर्चस्व का बोलबाला है. एक तरफ जहाँ राज्य के संसाधनों (जमीन, व्यवसाय, उद्योग) पर इन्ही सामंती जातियों का कब्ज़ा है तो दूसरी तरफ एक बहुसंख्यक बहुजन समाज मात्र श्रमिक बने रहकर ही सदियों से अपनी आजीविका चलाता आया है. […]