अरविंद शेष फिल्म में ‘कबाली’ का डायलॉग है- “हमारे पूर्वज सदियों से गुलामी करते आए हैं, लेकिन मैं हुकूमत करने के लिए पैदा हुआ हूं। आंखों में आंखें डाल कर बात करना, सूट-बूट पहनना, टांग के ऊपर टांग रख कर बैठना तुमको खटकता है, तो मैं ये सब जरूर करूंगा। मेरा आगे बढ़ना ही मसला है, तो मैं […]
कबाली – दलित पृष्ठभूमि पर बनी एक बेहतरीन फिल्म
राजेश राजमणि पी ए रंजीत की फिल्म होने के नाते, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इस फिल्म के बहुत सारे सामाजिक संवाद अम्बेडकरवादी विचारधारा से लिए गए हैं. फ़िल्म का नाम और इसके नायक का नाम ‘कबाली’ रखना – तमिल सिनेमा में नाम अक्सर ऐसा अनोखा पहलू होता है जिससे विरोधियों पर पदाघात किया जा सके, कबाली के सूट […]