सच होती हुई दिख रही है बाबासाहेब की चेतावनी: भक्त राजनीति में तानाशाही को जन्म देते हैं

javed n nasir

मुहम्मद जावेद, सरफ़राज़ नासिर जंग (बाएं से दायें) आज जब यह कहा जा रहा है कि संविधान के साथ-साथ हमारे देश का लोकतंत्र भी खतरे में है, जिसको बचाने की गुहार लगाकर पूरा विपक्ष इकठ्ठा होकर संविधान और लोकतंत्र को बचाने के नाम पर वोट मांग रहा है. जहां लोकतंत्र के खतरे की बात आती है तो मीडिया का भी […]

मैं, मैला उठाने वाला, तुम्हारा वोट बैंक नहीं हूँ!!

Dhamma

  धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) हाथ से मैला साफ़ करने वालो का जीवन जातिगत छुआछूत, महिलाओं पर अत्त्याचार, गन्दगी और अपमान से भरा हुआ है। जो खुद को “ताकतवर” समझने लगते हैं जब राजनेता उन्हें वोट बैंक के रूप में देखते हैं। लेकिन, मैला साफ़ करने वालों के जीवन, अभिलाषाओं, और उनके रहन-सहन को सही मायनों में समझे […]

साहब कांशी राम का आन्दोलन- उनके जाने के बाद: एक समीक्षा

satvendra madara

  सतविंदर मदारा (Satvendar Madara)  9 अक्टूबर 2018 को उनके 12वे परिनिर्वाण दिवस पर विशेष  9 अक्टूबर 2006 को जब साहब कांशी राम जी की मौत की दुखद खबर पुरे देश और दुनिया में उनके चाहने वालों तक पहुँची, तो सभी के दिलो-दिमाग पर कई सवाल छा गए. बाबासाहब अम्बेडकर का कारवां जो, 6 दिसंबर 1956 को, उनके परिनिर्वाण के […]