व्यंग्य नीरज ‘थिंकर’ (Neeraj Thinker) बात जब भी सामाजिक उत्थान की आती है जिसमें खासकर ब्राह्मणवाद के ज़रिये हाशिये पर धकेल दिए गए वंचित समाज की स्थिति में सुधार की बात हो तो ब्राह्मण वर्ग से आने वाला एक तबका एक दम इसमें कूद पड़ता है. समझ में यें नहीं आता है कि इनको सामाजिक परिवर्तन की ज्यादा उत्सुकता या […]
जातीय अहंकार पितृसत्ता पर भारी: निशांत के बचाव में आई शुभ्रष्ठा
सुरेश जोगेश (Suresh Jogesh) “आजतक” के संपादक निशांत चतुर्वेदी की राजद नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर की गयी टिप्पणी ने तूल पकड़ लिया. इसके लिए निशांत की जबरदस्त खिंचाई भी हुई, लेकिन दूसरी तरफ उनके जैसी सोच रखने वालों की तरफ से भरपूर सपोर्ट भी मिला, जिनमें से एक थी बीजेपी प्रवक्ता “शुभ्रष्ठा”. ऐसा नहीं है […]