डॉ सूर्या बाली “सूरज धुर्वे” (Dr. Suraj Bali ‘Suraj Dhurve’) कोया पुनेम के संस्थापक मुठवा पारी पहाण्दी कुपार लिंगों ने कोयामूरी द्वीप पर मानव के लिए सर्व प्रथम धान की फ़सल की ही शुरुआत की थी इसलिए मानव जीवन के लिए धान बहुत महत्त्वपूर्ण था. आज भी भारत के ज़्यादातर हिस्सों में धान पर आधारित खेती के सहारे ही मानव […]
‘जंगो लिंगो लाठी गोंगों’ एक महान कोयापुनेमी उत्सव
डॉ सूर्या बाली “सूरज धुर्वे” (Dr. Suraj Bali ‘Suraj Dhurve’) कोया-पुनेमी संस्कृति में प्रकृति को सर्वोच्च माना गया है और मानव को प्रकृति के साथ समंजस्य बनाकर जीवन जीने की बात कही जाती है. प्रत्येक मानव प्रकृति की समझ के बिना अपूर्ण, अज्ञानी और अपरिपक्व होता है जो प्रकृति के सानिध्य में रहकर समय के साथ पूर्ण, ज्ञानी और परिपक्व […]
करम पर्व: प्राकृतिक दर्शन और सामुदायिक सहभागिता का महापर्व
डॉ. सूर्या बाली ‘सूरज धुर्वे’ (Dr. Suraj Bali ‘Suraj Dhurve’) करम पर्व प्रकृति को संरक्षित और समृद्ध करने के साथ साथ कोइतूर जीवन को गति देने वाला त्योहार है. यह कोया पुनेमी1 पाबुन2 भादों उजियारी पाख की एकादशी और उसके आसपास मनाया जाता है. चूंकि यह उजियारी पाख का पर्व है इसलिए इसे पाबुन कहते हैं. करम पर्व यानि कर्मा त्यौहार […]