डॉ ओम सुधा मेरे गावं घोरघट से महज एक किलोमीटर की दूरी पर एक गावं है मुरला मुसहरी | यह मुख्य रूप से दलित बस्ती है| एक जाति है मुसहर, जी हाँ मुसहर, जानते तो होंगे ना आप? नहीं बस इसीलिए पूछ रहा हूँ क्योंकि आजकल आप दलितों के घर का भोज उड़ा रहे हैं तो सोचा पूछ लूँ | […]
रोहित वेमुला और भी है……….
कण कण से अब ये रण होगा भगवा द्वंद अब कम होगा,नीला रण तगण अब होगा,मूलतत्व जब सब होगा,जितने धोखे-मृत किये,सबका हिसाब अब होगा,न होगा भगवा राह में,जब नील क्रांति का बिगुल होगा। – माहे “रोहित वेमुला” सिर्फ अकेला नाम नही है जो इस साम्राज्यवाद, राजनीति और जातिवाद का शिकार हुआ| आज रोहित एक ऐसे अनंत सफ़र पर जा […]
अयोति थास और तमिल बौद्ध धर्म का पुनरुत्थान
दो ऐसे विद्वान हुए हैं जिनका देश-काल अलग रहा है मगर फिर भी उन्होंने जाति व्यवस्था से निपटने के लिए लगभग एक जैसा तरीका अपनाया. परंपरागत रूप से शिक्षित उन्नीसवीं सदी के तमिल विद्वान पंडित अयोति थास और बीसवीं सदी के पश्चिमी शिक्षाप्राप्त महाराष्ट्र के बुद्धिजीवी बाबासाहब अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म को ग्रहण कर यह दर्शाया कि यह जाति व्यवस्था […]