हवा के खिलाफ यहां तक…

Manisha Mashaal हवा के खिलाफ यहां तक… मेरा नाम मनीषा मशाल है। मैं जमीनी स्तर की जाति-विरोधी कार्यकर्ता, वक्ता और गायक हूं और फिलहाल अखिल भारतीय दलित महिला अधिकार मंच के हरियाणा राज्य की संयोजक हूं। मैं हरियाणा के एक छोटे-से गांव से हूं। आज जहां मैं हूं, वहां पहुंचने के लिए एक दलित स्त्री होने के नाते मुझे बहुत […]

“बुद्धा इन ए ट्राफिक जाम” : सियासी परदे में किसका एजेंडा…!

  देश के ‘सबसे बड़े दुश्मनों’ और ‘सबसे बड़ी समस्याओं’ से लड़ने के तरीके और उनसे पार पाने के ‘रास्ते’ अब वॉलीवुड के फिल्मकारों ने बताना शुरू कर दिया है! हालांकि सिनेमा के परदे पर ‘उपदेश’ तो पहले भी होते थे, लेकिन उन्हें ‘फिल्मी’ कह और मान कर माफ कर दिया जाता था! लेकिन अब फिल्में बाकायदा राजनीतिक एजेंडे के […]

रामविलास शर्मा की लेखनी में डॉ आंबेडकर: एक आलोचनात्मक समीक्षा

हिन्दी साहित्य-जगत के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ रामविलास शर्मा अपनी प्रग्तीशीलता और मार्कस्वाद के प्रति अपनी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। इन्होने कमजोर तबको के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने की भरपूर कोशिश भी की है किन्तु इनकी लेखनी पर नज़र डालने पर हमे शर्मा जी की असलियत पता चलती है। इन्होने मार्क्स्वाद को चोला ओढ़कर बड़े शातिर तरीके से दक्षिणपंथी […]

शिक्षक का जातिवाद और लिंगभेद प्रेरणा बना

  हरियाणा के एक गाँव में पली-बढ़ी डॉ. कौशल पंवार दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ा रही हैं. इनकी ज़िन्दगी तमाम कठिनाइयों और परेशानियों के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल करने की सफल ज़द्दोज़हद की अनूठी दास्ताँ है. अनूप कुमार द्वारा लिया गया उनका यह साक्षात्कार अंग्रेजी भाषा में  दलित एंड आदिवासी स्टुडेंट्स  पोर्टल पर उपलब्ध है .   

महात्मा ज्योतिबा फुले – जीवनी

आधुनिक भारत में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत के रूप में यूँ तो सभी बंगाल के भद्रलोक जैसे राजा राम मोहन रॉय, केशव चंद्रसेन, इश्वर चंद विद्यासागर आदि के बारे में स्कूलों और अन्य पाठ्यक्रमो में पढ़ते रहे हैं जिनकी बंगाल प्रान्त में उच्च वर्णीय महिलाओ को दयनीय स्थिति से निकालने में प्रभावी भूमिका थी पर देश के मध्यप्रांत में जन्मे […]