फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie) जन्म: 15 अप्रैल 1890 मृत्यु: 6 दिसम्बर 1953 मौलाना अली हुसैन “असीम बिहारी” का जन्म 15 अप्रैल 1890 को मोहल्ला खास गंज, बिहार शरीफ, जिला नालंदा, बिहार में एक दीनदार (धार्मिक) गरीब पसमांदा बुनकर परिवार में हुआ था। 1906, में 16 वर्ष की अल्प आयु में उषा कंपनी कोलकाता में नौकरी करना […]
मलिक ताहिर बाबा, मज़ार और बहुजनी नुक्ता
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) मेरे शहर के बारे में एक दंत कथा मशहूर है कि यहाँ पहले नट नाम के राक्षस का राज्य था। लोग उसके आतंक से बहुत परेशान थे। तत्कालीन हुक्मरा सैय्यद शालार मसूद गाजी ने बाबा मलिक ताहिर को यहाँ इस इलाके पर कब्जा करने के लिये भेजा था। बाबा ने नट को मार कर एक बोतल […]
हम लोगों के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है और पाने के लिए पूरी दुनिया है।
दीपाली तायडे वैसे तो लड़कियों के इनबॉक्स में रोज़ तमाम तरह के मैसेज आतें हैं, पर बीते दिनों कुछ लड़कियों के जो मैसेज आए उन्होनें मुझे लिखने पर मजबूर कर दिया। पहाड़ों पर घुमक्कड़ी की कई फ़ोटो के अपलोड के दौरान बहुत से कॉमेंट और मैसेज मिले, लेकिन मेरी लड़की दोस्तों ने जो लिखा वो लगभग कई बहुजन लड़कियों […]
जाति विनाश कैसे हो?
संजय जोठे जाति विनाश अगर सवर्णों से अपेक्षित है तो ये व्यर्थ का प्रोजेक्ट है. लेकिन जाति विनाश दलितों पिछड़ों से अपेक्षित है तो इस प्रोजेक्ट से बहुत उम्मीद की जा सकती है. जाति विनाश कैसे होगा इसकी विस्तार से चर्चा करने से पहले दो वक्तव्य याद रखिये. महान आयरिश लेखक, विचारक और नाटककार जार्ज बर्नार्ड शॉ से एक बार […]
जाति विनाश- एक थकाऊ और अनावश्यक प्रोजेक्ट
संजय जोठे आर्य आक्रमण थ्योरी सही हो या न हो, इतना तो पक्का हो चला है कि मूल रूप से इस देश में श्रमणों की संस्कृति थी जो पहले गंगा यमुना के संगम के इलाके से पूर्व की तरफ फ़ैली हुई थी. बाद में बौद्ध संस्कृति के रूप में इसका विस्तार कंधार बामियान तक हुआ. ये श्रमण असल में जैन, […]