संजय जोठे (Sanjay Jothe) गुरु नानक इस देश में एक नयी ही धार्मिक-सामाजिक क्रान्ति और जागरण के प्रस्तोता हैं। पूरे मध्यकालीन संत साहित्य में जिन श्रेष्ठताओं का दर्शन बिखरे हुए रूप में होता है उन सबको नानक एकसाथ एक मंच पर ले आते हैं। उनकी परम्परा में बना गुरु ग्रन्थ साहिब इतना इन्क्लूसिव और ज़िंदा ग्रन्थ है कि उसकी मिसाल […]
डाॅ. अम्बेडकर का जीवन दर्शन ही मेरे जीवन का प्रेरणा स्रोत- कैलाश वानखेडे
डॉ. रत्नेश कातुलकर कैलाश वानखेड़े जी अपने प्रथम कहानी संग्रह ‘सत्यापन’ से हिंदी साहित्य जगत में अपनी विशेष पहचान के रूप में उभरे हैं. उनकी कहानियों की ज़मीन व्यापक बहुजन आन्दोलन है. कहानियों के पात्र गाढ़ी स्याही से हस्ताक्षर करते हैं. कई जगहों पर उनकी कहानियों को लेकर कार्यक्रम रखे गए. कहानियों का पाठ हुआ. उन्हीं की एक कहानी ‘जस्ट […]
शुक्रिया बाबा साहेब
Gurinder Azad गुरिंदर आज़ाद शुक्रिया बाबा साहेब !आपके चलतेहमें किसी से कहना नहीं पड़ताकि हम भी इंसान हैं ! उनके अहं को जो भी हो गवारालेकिन अब तस्दीक हो चुका हैकि बराबरी थाली में परोस कर नहीं मिलतीआबरू की धारा किसी वेद से नहीं निकलतीबड़ा बेतुका हैकल्पना करके सोनासुबह अलग सा कोई नज़ारा होगाया धीरे धीरे सब सही हो जायेगाअपनेआप […]
श्रद्धांजलि शब्द-संस्मरण – ओम प्रकाश वाल्मीकि जी को समर्पित
कैलाश वानखेड़े लेखक, कहानीकार, कवि एवं दलित चिंतक ओम प्रकाश वाल्मीकि जी के निधन पर लेखक कैलाश वानखेड़े द्वारा संकलित श्रद्धांजलि सन्देश जो कि फेसबुक पर लोगों ने वाल्मीकि जी को याद करते हुए लिखे. ~ मेरे पिताजी का देहांत 1 मार्च 1983 को हो गया था. मेरा जन्म 01-03-1973 का है, हिसांब लगा लें कि मेरी उम्र उस समय […]