संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) जिस तरह संस्कृति और धर्म के आयाम को बहुजनों ने अपने भविष्य की रणनीति हेतु न इस्तेमाल करके इसे पूरी तरह आर्य ब्राह्मणों के हाथों मे छोड़ा हुआ है उसी तरह एक अन्य ताकतवर आयाम है – आध्यात्मिकता और मनोविज्ञान। यहाँ आध्यात्मिकता शब्द का इस्तेमाल करने मे खतरा है लेकिन मनोविज्ञान और समाज मनोविज्ञान […]
मुँह में मार्क्स, बगल में छुरी
डॉ. मनीषा बांगर (Dr. Manisha Bangar) हमें ये जानकारी मिली थी कि 5 मार्च भारत बंद के कार्यक्रम में CPI- ML और अन्य कई विश्वविद्यालय समेत कम्युनिस्ट छात्र संघठन और इंडिपेंडेंट कम्युनिस्ट लीडर शामिल हो होंगे. इतिहास हमें बार बार चेताता रहा है कि बहुजनों का अपना एक रास्ता है और उसके लिए किसी सहारे की ज़रुरत नहीं. यह आन्दोलन […]
अब चैनल आई आई टी में हवा बाँध रहे हैं
तेजेंद्र प्रताप गौतम (Tejendra Partap Gautam) पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से कश्मीर में सीमा के आर-पार गर्मी का माहौल बन गया है। उससे यह प्रतीत होता है कि संपूर्ण राष्ट्र में एक अजीब से राष्ट्रवाद की गर्म लहर फैल रही है। मैं भारतीय हूँ इसका प्रमाण अब कभी भी कहीं भी, किसी से भी, मांगा जा सकता है, […]
जंग या फिर भारत के बहुजनों को मारने की साजिश?
डॉ मनीषा बांगर (Dr. Manisha Bangar) 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमले में 42 सीआरएपीएफ के जवान मारे गए। इनमें एक भी ब्राह्मण नहीं था। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश का खून खौल रहा है। हालांकि अपने मुंह से उन्होंने यह नहीं कहा कि भारत के सैनिक बदला […]
“अश्वेत राष्ट्रवाद” से “बहुजन राष्ट्रवाद” तक
सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) पिछली दो सदियों से भारत के कई हिस्सों में हज़ारों साल से चली आ रही ब्राह्मणवादी जाति व्यवस्था के खिलाफ जंग छिड़ी, जिसे पूर्वी भारत में हरिचंद-गुरुचंद ठाकुर, पश्चिमी भारत में फूले-शाहू-अम्बेडकर, उत्तर में बाबू मंगू राम, स्वामी अछूतानंद और दक्षिण में नारायणा गुरु और पेरियार रामास्वामी ने चलाया। अंग्रेज़ों के चले जाने के बाद सत्ता […]
बाबा साहेब की ‘दलित’ शब्द को लेकर साफ़ राय
सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) दलित शब्द के इस्तेमाल को लेकर पिछले काफी समय से विवाद बना हुआ है. भारत की अनुसूचित जातियों का बुद्धिजीवी वर्ग इस विषय पर बुरी तरह बट चुका है और इसके पक्ष और विपक्ष में अलग-अलग दलीलें दी जाती हैं. पिछले दिनों भारत सरकार की तरफ से एक आदेश जारी किया गया, जिसमें इसे इस्तेमाल […]
ओशो रजनीश पर बनी फिल्म व् बहुजनों के हित
संजय जोठे (Sanjay Jothe) ओशो रजनीश पर जो नयी डॉक्युमेंट्री आई है उसे गौर से देखिये. शीला एक नादान किशोरी की तरह रजनीश से मिलती है. शीला के पिता रजनीश से प्रभावित हैं. शीला को उनके पिता कहते हैं कि ये व्यक्ति अगर लंबा जी सका तो ये दुसरा बुद्ध साबित होगा. हर किशोरी लड़की की तरह शीला भी […]