लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) जब मुसलमानों में जाति का सवाल उठता है तो कई मुस्लिम विद्वान छटपटाहट के साथ कहते हैं – कुरान में जात-पात कहाँ? पर यहाँ सवाल कुरान का नहीं उसकी व्याख्या का है. किसी भी किताब की व्याख्या कोई लेखक करता है और लेखक हमारे इसी समाज के होते हैं. लेखक की समाजी हैसियत का असर उसकी […]
दलित-आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा – जारी है
शिक्षित बनो संगठित बनो संघर्ष करो दलित आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा 23 अप्रैल 2018 से 2 मई 2018 तक अपील साथियों जय भीम ! दलित -आदिवासी महिला स्वाभिमान यात्रा ऐसा एक प्रयास है जो मानवाधिकारों के विभिन्न मुद्दों को सामने लाना चाहती है और सरकार व् […]
जे.एन.यू में बहुजन साहित्य संघ की हुई स्थापना
सामाजिक न्याय जिंदाबाद, लैंगिक न्याय जिंदाबाद, बहुजन एकता जिंदाबाद, बहुजन साहित्यिक क्रांति ज़िंदाबाद आरती यादव, विश्वम्भर नाथ प्रजापति, प्रियंका कुमारी साहित्य एवं संस्कृति के माध्यम से वैश्विक चेतना के निर्माण हेतु जे.एन.यू के बहुजन (आदिवासी, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछडा वर्ग और पसमांदा) शोध छात्रों ने 11 अप्रैल 2018 को जे.एन.यू के कन्वेंशन सेंटर में बहुजन साहित्य संघ […]
आंबेडकर, आरक्षण और न्याय के संदर्भ
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) अमर्त्य सेन ने अपनी किताब ‘द आईडिया ऑफ़ जस्टिस’ में तीन बच्चों- ऐनी, बॉब और कार्ला के बीच एक बांसुरी के स्वामित्व को लेकर हुए विवाद का उदाहरण देते हैं. ऐनी यह कहकर बांसुरी पर अपना हक जताती है कि उसे ही बांसुरी बजानी आती है. वहीं बॉब का तर्क यह है कि वह बेहद गरीब […]
2 अप्रैल का ऐतिहासिक भारत बंद – बहुजन इंक़लाब की ओर बढ़ता भारत
सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC-ST Act को कमज़ोर करने के विरोध में 2 अप्रैल को हुए ऐतिहासिक भारत बंद में जिस तरह पूरा बहुजन समाज (OBC+SC+ST+Minority) एकजुट हुआ, उसने यह साफ कर दिया है कि भारत अब बहुजनों की क्रांति की ओर बढ़ रहा है। जब 20 मार्च को यह फैसला आया तो सोशल मीडिया […]
हिंसा से फिक्रमंद लोगों की चुप्पी की हिंसा
रितु कुमारी (Ritu Kumari) मुझे बहुत गंदी बू आ रही है। भीतर से सड़े हुए एक समाज की गंदी बू, जो सबको अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए बराबर हक देना तो दूर, उनके साथ हुई बर्बरता को देख कर ठहाके लगाता है और अपनी आंखें मूंद लेता है। मुझे ऐसे लोगों के उच्च-जातीय दुराग्रहों और कुंठाओं से लैस होने, […]
पत्रिका-भास्कर ने करणी सेना को बचाया, पुलिस प्रशासन का भी पक्षपाती रवैया
सुरेश जोगेश (Suresh Jogesh) सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध कल भारत बंद के दौरान दौरान बाड़मेर में विरोधियों द्वारा जमकर उत्पात मचाया गया। इस दौरान 4 गाड़िया जलायी है जिसमें से 2 गाड़ियाँ चौहटन चौराहे स्थित अम्बेडकर छात्रावास परिसर में खड़ी थी व 2 बाहर। ये सभी गाड़ियाँ sc/st के लोगों की थी। इनके मालिकों की पहचान नीम्बेश […]
खिलाफत पर क़ुरैश के विशेषाधिकार की सत्यता
एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) सैयदवाद के समर्थकों अर्थात इबलीसवादियों द्वारा इबलीसवाद【1】(वंश/जन्म आधारित श्रेष्ठता) कायम करने व उसे बरक़रार रखने के लिए फैलाये जा रहे तमाम प्रोपैगंडों में-से एक प्रोपेगंडा ये भी है कि आप सल्ल0 ने फरमाया है कि “खलीफा क़ुरैश से होंगे।” दूसरे शब्दों में “शासक क़ुरैश कबीले से ही होंगे।” इस प्रोपेगंडे को […]
उर्दू अदब का जातिवादी चरित्र
फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie) उर्दू मुख्यतः अशराफ की भाषा रही है। जिसे वो अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए पूरे मुसलमानों की भाषा बना कर प्रस्तुत करता है, जबकि पसमांदा की भाषा क्षेत्र विशेष की अपभ्रंश भाषाएं एवं बोलियाँ रही हैं। अशराफ अपनी इस नीति में कामयाब भी रहा है और आज भी पसमांदा की एक बड़ी आबादी […]
उत्तर भारत का रोहित वेमुला, सुब्रह्मण्यम सदरेला (विशेष रिपोर्ट)
दिलीप मंडल (Dilip Mandal हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रोहित वेमुला और आईआईटी कानपुर के डॉक्टर सुब्रह्मण्यम सदरेला दोनों में कई समानताएं और एक फर्क है. दोनों अपने विषय के अच्छे विद्वान माने गए. दोनों आंध्र प्रदेश के बेहद गरीब परिवार से आए और शिक्षा के शिखर पर पहुंचे. एक पीएचडी कर रहा था, दूसरे ने पीएचडी पूरी कर ली […]