4 मार्च- आईये सपरिवार! अपने ज़िंदा होने का प्रामान दें!!

4 march

नीतिशा खालखो (Neetisha Xalxo) रविवार  को दिल्ली के ट्राइबल समुदाय की एक मीटिन्ग में यह चिंता व्यक्त की गयी कि सेंसस 2020 में सरकार ने जानबूझ कर देश के शेड्युल्ड ट्राइब्स और आदिवासियो के हिंदुकरण के लिये कृतसंकल्प है. अपने इस एजेंडे के तह्त जनगणना 2020 में केवल मुख्यधारा के धर्मो का ही उल्लेख किया गया है. धर्मो के इस […]

डॉ सूर्या बाली “सूरज धुर्वे” गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित

Surya Bali

राउंड टेबल इंडिया (Round Table India) गोंडवाना समाज महासभा, मध्य प्रदेश के तत्वाधान में दमोह में आयोजित तीसरे वार्षिक सम्मेलन में अंतर्रष्ट्रीय कोया पुनेमी चिंतनकार और विचारक डॉ सूर्या बाली को गोंडवाना गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. डॉ बाली को यह सम्मान उनके कोयापुनेमी धर्म संस्कृति को बढ़ावा देने और प्रचार प्रसार में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया. […]

संविधान बचाओ ! देश बचाओ!!

Prakash Ambedkar

‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‌‍‍‍‌‍प्रकाश आम्बेडकर (Prakash Ambedkar) आप जानते हैं की पिछले 50 दिनों से अधिक समय से दिल्ली के शाहीन बाग़ इसी शहर के तमाम जगहों पर और देश के विभिन्न भागो में सीएए, एनआरसी,  और ऐनपीआर के खिलाफ महिलाएं तथा पुरष 24×7 बैठे हुए हैं. इन देशभक्तों  और संविधान प्रेमियों के जज़बे और जोश को दरकिनार करते हुए मेनस्ट्रीम मीडिया और […]

क्रांतिकारी राजनेता, बिहार लेनिन, बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा

Surya Bali

डॉ सूर्या बाली ‘सूरज धुर्वे’ (Dr. Surya Bali ‘Suraj Dhurve’)  कहते हैं जो समाज अपने महापुरुषों की कद्र नहीं करता वो कभी भी क्रांति नहीं कर सकता और हमेशा दासता की बेड़ियों में जकड़ा जाता है. आज आलम ये है कि हमारा बहुजन समाज अपने समाज के महापुरुषों के दिखाये रास्ते से भटक कर अपने ही समाज का दुश्मन बन […]

बाबासाहेब ने कहा था- भंगी, झाड़ू छोड़ो!

Dhamma

धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam)  भारत एक प्रजातांत्रिक देश है. हर 5 साल बाद यहां के लोग अपने लिये नये प्रतिनिधि चुनते हैं कि, नयी सरकार उनके स्वास्थय, शिक्षा, रोज़गार, और अधिकारों की रक्षा करेगी. देश की तरक्की के लिये तो शहरों को सड़कें, रेल की पटरियां, और मैट्रो से जोड़ दिया जाता है. देश हित के नाम पर […]

अब एक और जुमला- ‘विपक्ष भ्रम फैला रहा है’

Mohammad Javed

मोहम्मद जावेद अलिग (Mohammad Javed Alig) इन दिनों अखबारों से लेकर मीडिया तक सरकार का एक जुमला “विपक्ष भ्रम फैला रहा है” काफी चर्चित है. मोदी-शाह अपने भाषणों से लेकर मीडिया कार्यक्रमों में विपक्ष पर आरोप लगाते नहीं थक रहे हैं कि विपक्ष लोगों में भ्रम फैलाकर उनको गुमराह कर रहा है और जानबूझकर ओछी राजनीति पर उतर आया है. […]

पसमांदा केटेगरी पर कुछ ज़रूरी टिप्पणियां

khalid anis ansari

खालिद अनीस अंसारी (Khalid Anis Ansari) संविधान की धारा 341 में राष्ट्रपति अध्यादेश, 1950 द्वारा ग़ैर-हिन्दू दलितों को एससी लिस्ट से बाहर कर दिया गया था. 1956 में सिख दलितों और 1990 में नवबौद्ध दलितों को लिस्ट में वापिस शामिल कर लिया गया. लिहाज़ा अब सिर्फ मुस्लिम और ईसाई समाज के दलित एससी लिस्ट से बाहर हैं और ज़्यादातर को सेंट्रल […]

भारत में बलात्कार की घटनाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक आयाम

Hawaldar Bharti

हवलदार भारती (Hawaldar Bharti) बलात्कार क्या है? और यह क्यों घटित होता है? बलात्कार या यौन हिंसा के सामाजिक और सांस्कृतिक मायने क्या हैं? इस लेख का मुख्य उद्देश्य बलात्कार की घटनाओं की सामाजिक और सांस्कृतिक आयामों की तफ्तीश करना है. जैसा कि सर्वविदित है कि, बलात्कार भी एक हिंसा है. अर्थात ब्लात्कार हिंसा का अभिन्न अंग है. हालाँकि हिंसा के […]

डॉ अंबेडकर का अंतिम निर्णय हमारा पहला निर्णय क्यों होना चाहिए?

Sanjay Shraman Jothe 3 7 19

संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) जिस तरह संस्कृति और धर्म के आयाम को बहुजनों ने अपने भविष्य की रणनीति हेतु न इस्तेमाल करके इसे पूरी तरह आर्य ब्राह्मणों के हाथों मे छोड़ा हुआ है उसी तरह एक अन्य ताकतवर आयाम है – आध्यात्मिकता और मनोविज्ञान। यहाँ आध्यात्मिकता शब्द का इस्तेमाल करने मे खतरा है लेकिन मनोविज्ञान और समाज मनोविज्ञान […]

डॉ अंबेडकर का अंतिम निर्णय हमारा पहला निर्णय क्यों होना चाहिए?

संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) जिस तरह संस्कृति और धर्म के आयाम को बहुजनों ने अपने भविष्य की रणनीति हेतु न इस्तेमाल करके इसे पूरी तरह आर्य ब्राह्मणों के हाथों मे छोड़ा हुआ है उसी तरह एक अन्य ताकतवर आयाम है – आध्यात्मिकता और मनोविज्ञान। यहाँ आध्यात्मिकता शब्द का इस्तेमाल करने मे खतरा है लेकिन मनोविज्ञान और समाज मनोविज्ञान […]