ऐसे थे अपने पेरियार साहेब

गुरिंदर आज़ाद (Gurinder Azad) ब्राह्मणवाद से आक्रामक रूप से निपटने की सबसे अमीर विरासत अगर किसी ने बनाई है तो वह हैं हम सबके पेरियार साहेब. उनका पूरा नाम था- इरोड वेंकटप्पा रामासामी नायकर. पेरियार का अर्थ है ‘एक महान व्यक्ति’. बहुजन युवा आज सोशल मीडिया पर अपनी आक्रामकता और बेचैनी को उनके कथनों को साझा करके अभिव्यक्त करते हैं, […]

किसान आंदोलन का बढ़ता हुआ दायरा बनाम सरकार

satvendra madara

सतविंदर मनख (Satvinder Manakh) केंद्र की RSS- BJP सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाए गए नए कानून के खिलाफ पंजाब से शुरू हुआ किसान आंदोलन, अब पूरे देश में फैल चुका है। शुरुआती दौर में ही इसमें हरियाणा – उत्तर प्रदेश के किसान जुड़े। अब राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार समेत कई दूसरे राज्यों के किसानों के न सिर्फ समर्थन बल्कि […]

अनाज का रसायन विज्ञान (किसान को समर्पित 5 लघु कविताएँ)

बाल गंगाधर बाग़ी (Bal Gangadhar Baghi) 1. किसान किसान नहीं तो भोजन नहीं, भोजन नहीं तो जीवन नहीं। और जीवन नहीं तो मानवता सभ्यता का अंत।फिर किसी का भी इतिहास नहीं होगाक्योंकि इतिहास लिखने के लिए इतिहासकार का भी ज़िंदा रहना ज़रूरी हैयही ज़िंदगी की धूरी है।इसीलिए !किसान का अंत होना,इतिहास का भी अंत होना है ! 2. रोटी का […]

दियरी या दियारी (दीपक) एक कोया-पुनेमी फसलोत्सव

डॉ सूर्या बाली “सूरज धुर्वे” (Dr. Suraj Bali ‘Suraj Dhurve’)  कोया पुनेम के संस्थापक मुठवा पारी पहाण्दी कुपार लिंगों ने कोयामूरी द्वीप पर मानव के लिए सर्व प्रथम धान की फ़सल की ही शुरुआत की थी इसलिए मानव जीवन के लिए धान बहुत महत्त्वपूर्ण था. आज भी भारत के ज़्यादातर हिस्सों में धान पर आधारित खेती के सहारे ही मानव […]

‘जंगो लिंगो लाठी गोंगों’ एक महान कोयापुनेमी उत्सव

डॉ सूर्या बाली “सूरज धुर्वे” (Dr. Suraj Bali ‘Suraj Dhurve’) कोया-पुनेमी संस्कृति में प्रकृति को सर्वोच्च माना गया है और मानव को प्रकृति के साथ समंजस्य बनाकर जीवन जीने की बात कही जाती है. प्रत्येक मानव प्रकृति की समझ के बिना अपूर्ण, अज्ञानी और अपरिपक्व होता है जो प्रकृति के सानिध्य में रहकर समय के साथ पूर्ण, ज्ञानी और परिपक्व […]

जाने कब वो कल होगा

Deepak Mevati

दीपक मेवाती ‘वाल्मीकि’ (Deepak Mevati ‘Valmiki’) मैं भी प्यार मोहब्बत लिखतालिखता मैं भी प्रेम दुलारलिखता यौवन की अंगड़ाईलिखता रूठ और मनुहारलिखता प्रकृति की भाषालिखता दुश्मन का मैं वारलिखता फूलों की मादकतालिखता नभमंडल के पार। पर नहीं सोच पाता है मनकुछ उससे आगे पार लिखूंसुरक्षित जीवन सबका हो जिससे बस उसका जीवन सार लिखूं। जहाँ की सोच लग जाता हैकपड़ा सबकी […]

एक कोइतूर बच्चे ने कहा- मुझे डॉक्टर बनना है

sanjay Shraman Jothe

एक संकल्प, एक सपने और एक वादे की दास्तान डॉ.सूर्या बाली संजय श्रमण जोठे (Sanjay Shraman Jothe) इस प्रेरणादायी कहानी में आपका स्वागत है। यह कहानी ट्राइबल (कोइतूर) समाज से आने वाले एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जिसने ग़रीबी और जातिगत घृणा के बीच जन्म लिया, जीवन भर ग़रीबी और जातिवादी नफ़रत और हिंसा का सामना किया। इस […]

क्या सर सैयद अहमद खान पसमांदा मुसलमानों की आधुनिक शिक्षा के विरोधी थे?

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi)  आप को लगता होगा कि मुस्लिम समाज मे लोग तक़लीद (अंधभक्ति) सिर्फ अपने मसलक (रास्ता) के उलेमा की करते हैं. अगर आप उनके मसलक के उलेमाओं के जातिवादी सोच के बारे में कुछ बोलेंगे तो वह आप के पीछे डंडे ले कर पड़ जाएंगे. पर मेरा अपना अनुभव है कि देवबंदी, बरेलवी, अहले-हदीस आदि मसलक के […]

हाथरस घटना- मांगने से इंसाफ कब मिला है यहाँ

सतविंदर मनख (Satvinder Manakh) कुछ ही हफ्ते पहले, 14 सितंबर, 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में – 19 साल की मनीषा वाल्मीकि का 4 सवर्ण ठाकुर जाति के लड़कों ने बलात्कार किया। 29 सितंबर, 2020 को उस बच्ची की दर्दनाक मौत हुई। मनीषा के बलात्कार और हत्या काण्ड ने, आज 21वीं सदी में भी सवर्णों और खासकर ठाकुरों […]

हाथरसः तोड़नी होगी अन्याय की असली ज़मीन

बी. शारदा (B. Sharda) अन्याय के प्रतिकार के लिए शायद ‘अन्याय’ ही रास्ता है, तभी एक न्याय व्यवस्था उभर कर आएगी। अन्याय क्या है, यह कौन बताएगा? अन्याय की समझ सबके भीतर अपने जीवन के कटु अनुभवों से आती है। खासतौर पर तब जब व्यक्ति उस बात की सजा पाता है जो अपराध उसने किया ही नहीं। मंदिर आन्दोलन भारतीय […]