दीक्षाभूमि बचाओ! अंडरग्राउंड पार्किंग का निर्माण बंद करो !!

दीक्षाभूमि वह स्थल, जहाँ 14 अक्टूबर 1956 को डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, आज अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. हालात यही रहे तो यहाँ धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस पर आने वाले जनसमूह का प्रवेश हमेशा के लिये प्रतिबंधित हो जाएगा.

कारण यह है कि इस स्थल पर महाराष्ट्र सरकार के आदेशानुसार पिछले कुछ महीनों से इस परिसर की ज़मीन खोद कर वाहनों के लिये तीन मंज़िली पार्किंग का निर्माण शुरु हो गया है. अब तक इतनी ज्यादा मिट्टी खोदी जा चुकी है कि उसका ढेर दीक्षाभूमि के स्तूप की बराबरी कर चुका है.

चमकती त्वचा वाली वो लड़कियाँ

रचना गौतम (Rachna Gautam) मैं इन दिनों अक्सर एक सोच में पड़ जाती हूँ कि मैं कभी ‘उन’ लड़कियों की तरह क्यूँ नहीं बन पाई जिनकी त्वचा सोने-सी चमकती है? जो फैराये फिरती है अपने बालों को! जिन्हें आता है परफेक्टली ग्रूमड (perfectly groomed) और सोफिसटीकेटड (sophisticated) दिखना। जिनसे मिलने उनके प्रेमी पुणे से अमरावती तक आते थे। या जो […]

अयोध्या तो बस झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है

ratnesh katulkar

डा. रत्नेश कातुलकर (Dr. Ratnesh Katulkar) 90 के दशक में भारत दो ऐसे आंदोलन हुए जिन्होंने देश की राजनीति की दशा हमेशा के लिये बदल दी। वे थे मंडल और कमंडल। वीपी सिंह के नेतृत्व में मंडल आंदोलन सामाजिक न्याय पर आधारित था जबकि कमंडल यानी रामजन्मभूमि मंदिर आंदोलन ने बहुसंख्यक हिंदुओं की भावनाओं को भड़काया। इसका प्रभाव जनमानस पर […]