Rahul Sonpimple
0 0
Read Time:5 Minute, 2 Second
राहुल सोनपिंपले (Rahul Sonpimple)
 
पुल की दायीं तरफ नयी रंगीन बीस मंजिला ईमारत बनी थीRahul Sonpimple
रात को आसमान के तारे ईमारत पे उतर आते थे
बिल्डर ने पारधियों की झोंपड़ियाँ हटाके, सिर्फ ज़मीन ही थोड़ी ना खरीदी थी!
हमारे बस्ती के किनारे लगे रिंग रोड पे चढ़के देखना
सरकार ने बिल्डर को पूरा आसमां बेच दिया था
श्याम होते ही पंछियों का जत्था ईमारत के ऊपर से गुजरता है
सुबह होते ही बगल के मंगलवारी पुल पे मजदूरों का मेला
कोई साइकिल पे, कोई साइकिल के पीछे
ओर कुछ पैदल, हाथ में घर के फटे हुए कपड़ों से बनी हुयी थैली
थैली में खाने का डब्बा, डब्बे में धोके सुखाये हुए गेहूँ की रोटी
ओर भिवापुरी मिर्ची से बनी हुई लाल सब्जी
जितनी गर्मी डब्बे के अंदर, उतनी ही बाहर
कोई सुराग नहीं
 
सुनी सुनाई बस एक कहानी… सारे पंछी गोदाम वाले रोड के आसमान में चुप जाते है
मजदूरों का मेला लेकिन इतवारी बाजार होके पहले गाँधी बाग़
और फिर महल के मार्किट में खत्म हो जाता है

सेठ हमारा अच्छा है
दुकान पहुँचते ही थोड़ी ना काम पे लगा देता है
पहले वो साईँबाबा के ऊपर लगी हुई सत्संग वाले बाबा की आरती करता है
ओर फिर धीरे-धीरे दायें से बाएं चलके लक्ष्मी की कांच वाली फ्रेम के नीचे
सारी अगरबत्तियां लगा देता है।
आराधना ब्रांड की अग्गरबत्ती, सेठ का बड़ा भाई
सूरत से हर बार लेके आता है
हम कामगारों की तो ये महबूबा है
पूरे दिन का तो पता नहीं
लेकीन सुबह सुबह भगवान को आसमान से जमीन लेके आती है
दोपहर में माल आते ही
दुकान से धरमपेठ जाना है, मेडिकल वाले जोशी जी के यहाँ
दो कांच के दरवाजे, चार खिड़कियाँ
और किचन से लगे देवघर में
कांच का मंदिर लगाना है
खाना बाद में खा लेंगे
अगर काम जल्द पूरा हुआ तो, दुकान जाके सेठ को पिछला बकाया भी मांग लेंगे
 
सुनील मिस्त्री ने चार बार ज़रा धीरे, और फिर पांचवी बार चिल्ला के
मेरा ध्यान स्टडी रूम में लगे हुए थर्मोडीनमिक्स के चार्ट से हटा दिया
 
एक महीने पहले मैं बारहवीं की परीक्षा दे चुका था
ओर जोशी जी की ग्यारहवीं की क्लास की लड़की
बारहवीं के चाटे कोचिंग क्लासेज के नोट्स पढ़ रही थी 
 
दो महीने बाद जोशी के घर फिर जाना हुआ 
इस बार कांच के मंदिर का उपरी हिस्सा निकाल उसकी ऊंचाई बढ़ाना था
नए लम्बे भगवान उसमे फिट होने थे
दायें हाथ में उनके पानी का फवररा, बाएं हाथ में दिया जलता था
एलेक्ट्रोनिक भगवान थे
इस बार जोशी जी ने दरवाजे से ही जोर से कहा
मंदिर का ढांचा ओर भगवान की मूर्ति दोनों छत पे रख दिया है
सुधारो, भगवान को फिट करो
ओर वहीँ छोड़ जाओ
हमारे हाथ से बना हुआ काँच का मंदिर, अभी जोशी के आस्था का असली मंदिर बन चुका था
धातुओं से बना हुआ भगवान इस बार अपनी महिमा दिखा रखा था
भगवान ने जोशी के पूरे परिवार को सुरक्षित रखने का पूरा जिम्मा ले लिया था
ओर हमारे साथ जंग की तैयारी
जंग फ़ासलो की
जंग रीति – नियमों की
जंग ऊंच-नीच की
जंग देवताओं की  
जंग हम असुरों की
~~~
राहुल सोनपिंपले जे.एन.यू. के बहुजन विद्यार्थी ग्रुप, बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (BAPSA) के प्रधान रह चुके हैं और विद्यार्थी व् बहुजन आन्दोलन में सक्रिय हैं.

Magbo Marketplace New Invite System

  • Discover the new invite system for Magbo Marketplace with advanced functionality and section access.
  • Get your hands on the latest invitation codes including (8ZKX3KTXLK), (XZPZJWVYY0), and (4DO9PEC66T)
  • Explore the newly opened “SEO-links” section and purchase a backlink for just $0.1.
  • Enjoy the benefits of the updated and reusable invitation codes for Magbo Marketplace.
  • magbo Invite codes: 8ZKX3KTXLK
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *