भारतीय सिनेमा के पसमांदा सवाल

अब्दुल्लाह मंसूर (Abdullah Mansoor) एक लंबे दौर तक भारतीय सिनेमा जाति और जातिगत समस्याओं की न केवल अनदेखी करता रहा है बल्कि भीषण जातिगत वास्तविकताओं को अमीर बनाम गरीब (कम्युनिस्ट नज़रिये) की परत चढ़ा कर परोसता रहा है। दलित सिनेमा की कोशिशों से ये परत साल दर साल धूमिल पड़ती जा रही है और इस प्रयास में 2021 दलित सिनेमा […]

संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश-1950 निरस्त करने के लिए पीएम मोदी के नाम खुला ख़त

यूसुफ़ अंसारी (Yusuf Ansari) मोदी जी, पंडित नेहरू की एक और ग़लती सुधारिए, मुसलमान और ईसाई दलितों को इंसाफ़ दिलाइए आदरणीय प्रधानमंत्री जी आदाब अर्ज़ है, सबसे पहले तो आपको बधाई दे दूं कि आपने जम्मू कश्मीर को लेकर बहुत बड़ा और कड़ा फैसला किया। ऐसा करने की हिम्मत दिखाने के लिए आपको दिल की गहराइयों से बधाई। दूसरे ट्रिपल […]

कश्मीर में जातिवाद: मेरा अवलोकन एवं अनुभव

Mudassir Ali Lone

मुदासिर अली लोन (Mudasir Ali Lone) जब भी कोई कश्मीर में जातिवाद की बात करता है तो हम अक्सर “नही” में अपना सिर हिलाते हैं। अगर आप डरावनी कहानियाँ सुनने के मूड में हैं तो आप कश्मीर में ग्रिस्त (खेती बाड़ी करने वाले) जाति के लोगों से मिलें और उनसे पूछें कि मल्ला/पीर/सैयद (उच्व जाति) उनके साथ कैसा बर्ताव करतें […]