गुजरात के दलित खतरे में (1981)

kanshi ram

कांशी राम (Kanshi Ram) गुजरात के जातिवादी हिन्दुओं द्वारा चलाये जा रहे आरक्षण विरोधी आन्दोलन ने अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत जामनगर तथा राज्य के अन्य बहुत से कस्बों तथा गाँवों में खतरनाक हालात पैदा कर दिए हैं. राज्य सरकार राज्य के सभी हिस्सों में कानून एवं व्यवस्था को सही तरह से बनाये रखने में बुरी तरह असफल हो गई है. स्थिति […]

मैं इसलिए हँस रहा हूँ क्यूंकि… – कांशी राम

Pammi Lalomazara

  पम्मी लालोमाजरा (Pammi Lalomajra) घटना 1992 की है. साहेब चंडीगढ़ माता राम धीमान के घर रुके हुए थे. धीमान वह इंसान थे जिसे साहेब साथ लेकर सुबह के चार चार बजे तक सुखना झील के किनारे बैठकर सियासत के नक़्शे बनाते रहते थे. उस रात भी रात के करीब 11-12 बजे होंगे.साहेब बैठे बैठे अचानक हँस पड़े. धीमान ने […]

मेरे लोगों का अधिकार ही मेरा स्वार्थ है: काला

Ashok Namdev

  डॉ. अशोक नामदेव पळवेकर मानव समाज यह अनेक स्थितियों से विकसित होता आया है. विकास की इन विभिन्न अवस्थाओं में मानव के ‘भू-स्वामित्व’ का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण मायने रखता है. फिलहाल, पा. रंजित निर्देशित ‘काला’ फिल्म यह अनेकों के चर्चा का विषय है. फिल्म के शुरुवात में परदे पर जो विभिन्न पेंटिंग्स दिखाई देती हैं वे सभी मानव की […]

1968 का शिवपाल गंज, 2018 का गंगागंज और ऊँचों में नीच

विकास वर्मा (Vikas Verma) तीन महीने पहले श्रीलाल शुक्ल का कालजयी उपन्यास ‘राग दरबारी‘ पढ़ रहा था जो 1968 में प्रकाशित हुआ था। इसमें एक दृश्य है जहाँ उपन्यास के एक महत्वपूर्ण किरदार बद्री पहलवान रिक्शे से अपने गाँव यानी शिवपालगंज वापस लौट रहे हैं। रिक्शावाला ज़रा बातूनी है, पूरे रास्ते कोई न कोई कथा बांचे जा रहा है। अपनी […]

ओशो रजनीश पर बनी फिल्म व् बहुजनों के हित

sanjay sharman jothe

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) ओशो रजनीश पर जो नयी डॉक्युमेंट्री आई है उसे गौर से देखिये. शीला एक नादान किशोरी की तरह रजनीश से मिलती है. शीला के पिता रजनीश से प्रभावित हैं. शीला को उनके पिता कहते हैं कि ये व्यक्ति अगर लंबा जी सका तो ये दुसरा बुद्ध साबित होगा. हर किशोरी लड़की की तरह शीला भी […]

ब्लैक पैंथर – समीक्षा

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi)  आमतौर से अफ्रीका के लोगो को गरीब-मज़लूम, बर्बर , असभ्य दिखाया जाता है. इस फ़िल्म ने कल्पना में ही सही पर इस मान्यता को तोड़ा है. ये फ़िल्म एक बड़े डिस्कोर्स पे बनी है कि “ज़ुल्म और ज़ालिम के खिलाफ आप की तटस्ता कितनी उचित है?“ इस फ़िल्म की कहानी अफ्रीका के पांच कबीलों की कहानी […]

भारत में शिक्षा का इंतजाम – एक सॉफ्ट टेररिज्म

sanjay jothe

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) पाकिस्तानी पत्रकार हसन निसार बार बार एक शब्द दोहराते हैं “सॉफ्ट टेरोरिज्म”। इस शब्द से उनका मतलब उन वहशियाना चालबाजियों से है जिनके जरिये किसी समाज या देश मे सत्ता और धर्म के ठेकेदार अपने ही गरीबों का खून चूसते हैं। हसन निसार बताते हैं कि ये साफ्ट टेरोरिज्म दूसरे रंग ढंग के किसी भी […]

इस्लामिक जाति व्यवस्था बनाम इबलीसवाद【1】

Nurun N Zia Momin Edited

  एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) जब कभी मुसलमानों में विद्यमान जाति व्यवस्था अथवा मुस्लिम समाज में स्थापित जाति आधारित ऊँच-नीच की मान्यता का मुद्दा किसी व्यक्ति अथवा संगठन विशेषकर पसमांदा आन्दोलन से संबंधित संगठनों द्वारा अपने हक-अधिकार व मान-सम्मान【2】 हेतु उठाया जाता है तो फौरन एक स्वर में तथाकथित (धार्मिक, सियासी, सामाजिक वगैरह) मुस्लिम रहनुमाओं द्वारा […]

बहुजन भारत के निर्माण का सबसे आसान और कारगर उपाय क्या है?

sanjay jothe

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) क्या आपको पशु पक्षियों या पेड़ पौधों में ऐसी प्रजातियों का पता है जो अपने ही बच्चों के लिए कब्र खोदती है? या अपने ही बच्चों का खून निकालकर अपने दुश्मनों को पिलाती है? मैंने तो आजतक ऐसा कोई जानवर या पक्षी या पेड़ नहीं देखा जो अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की […]

Malcolm X, नस्लीय असमानता के खिलाफ जंग छेड़ने वाला महान अफ़्रीकी-अमरीकी योद्धा

satvendra madara

  सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) अमरीका में नस्लीय असमानता के खिलाफ लम्बा संघर्ष हुआ, जिसमें कई महान नेताओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई. इन सब में मैलकम X का नाम एक अलग ही पहचान रखता है.  यूरोपीय मूल के लोगों ने 15वी शताब्दी के अंत में दुनिया के दुसरे महाद्वीपों में जाकर कब्ज़ा करना शुरू किया. अमरीका में उनके द्वारा […]