अशराफिया प्रोपगंडा: जिन्ना,लीग,पाकिस्तान और पसमांदा

Nurun N Zia Momin Edited

  एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) जबसे पसमांदा मूवमेन्ट से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अपने सामाजिक अधिकारों के लिए आवाज़ बुलन्द करना शुरू की है तबसे ही पसमांदा आन्दोलन को दबाने व उससे जुड़े लोगों को हतोत्साहित करने के लिए तथाकथित अशराफों द्वारा निरन्तर नित नए निराधार आरोप पसमांदा आन्दोलन व उससे जुड़े लोगों पर लगाये जाते रहे […]

आप अपना पाला खुल के ही घोषित कर दीजिये अब!

Suresh Jogesh

  सुरेश जोगेश (Suresh Jogesh) मीडिया विजिल,  आज से तक़रीबन दो साल पहले जब मैं डेल्टा मेघवाल मामले में स्थानीय मीडिया की भूमिका पर लिख रहा था तब आपके संपर्क में आया था. मुझे अच्छा लगा जब आपने मेरी वाल से मेरा लेख कॉपी करके MediaVigil में जगह दी और यह भी कि आपने मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. लगातार दो […]

सर सैयद अहमद खान: रहनुमा, अपना रहनुमा न हुआ

लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) कल रात अलीगढ़ से मेरी एक बहन का कॉल आया. वह अलीगढ़ से पीएचडी कर रही है. वह मुझसे बहुत नाराज़ थी कि मै ‘सर सैयद अहमद खान’ के खिलाफ क्यों लिख रहा हूँ? मैंने स्पष्ट करते हुए अपना पक्ष रखा कि मैं विरोध नहीं कर रहा बल्कि वही लिख रहा हूँ जिसे सर सैयद ने […]

दुश्वार राहों से गुज़रता पसमांदा आंदोलन और उसकी मांगें

Faiyaz Ahmad Fyzie New

जज़्बाती सवालों से हटकर… शिक्षा, रोज़ी-रोटी और सत्ता में हिस्सेदारी की बात फ़ैयाज़ अहमद फ़ैज़ी (Faiyaz Ahmad Fyzie) पसमांदा फारसी का शब्द है जो आगे चलकर उर्दू भाषा का हिस्सा बना. इसका अर्थ है- जो पीछे रह गया है. पसमांदा शब्द मुस्लिम धर्मावलंबी आदिवासी, दलित और पिछड़े के लिए बोला जाता है. पसमांदा अन्दोलन का इतिहास बाबा कबीर से शुरू […]

सर सैयद के जातिवाद की मुखालफत पर अडिग पसमांदा-बहुजन

sir sayyad ahmad khan

राउंड टेबल इंडिया बीते कुछ दिनों से सर सैयद के लेखों और उनकी स्पीचों को लेकर फेसबुक पर लगातार पसमांदा संगठन और बहुजन छात्र विरोध दर्ज करा रहे हैं. आरोप ये है कि सर सैयद अहमद खान ने अपनी किताब असबाब-ए-बगावतें हिन्द के  पृष्ठ: 60 पर भारतीय मुसलमानों की एक जाति को बदज़ात जुलाहा लिखा था. इस बात से खासे […]

साहब कांशी राम का आन्दोलन- उनके जाने के बाद: एक समीक्षा

satvendra madara

  सतविंदर मदारा (Satvendar Madara)  9 अक्टूबर 2018 को उनके 12वे परिनिर्वाण दिवस पर विशेष  9 अक्टूबर 2006 को जब साहब कांशी राम जी की मौत की दुखद खबर पुरे देश और दुनिया में उनके चाहने वालों तक पहुँची, तो सभी के दिलो-दिमाग पर कई सवाल छा गए. बाबासाहब अम्बेडकर का कारवां जो, 6 दिसंबर 1956 को, उनके परिनिर्वाण के […]

फिरका बनाम जाति: असरदार कौन?

Nurun N Zia Momin Edited

  एड0 नुरुलऐन ज़िया मोमिन (Adv. Nurulain Zia Momin) मुस्लिम समाज में जिस तरह से जातियाँ और फिरके है वह किसी भी व्यक्ति से छिपे नही हैं, वह चाहे कोई मुस्लिम समाज का जानकार हो या अनभिज्ञ. किन्तु जहाँ मुस्लिम समाज/इस्लाम में मौजूद फिरकों की समस्या को मुस्लिम समाज में मौजूद सभी वर्ग (उच्च, मध्य, निम्न) खुले आम स्वीकार करते […]

जवाब कम सवाल ज्यादा खड़े करता है, पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Arvind Kumar JNU

  अरविन्द कुमार (Arvind Kumar) पद्दोंन्नति में आरक्षण पर कल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, जवाब कम सवाल ज्यादा पैदा करता है, इसलिए आम लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि यह फैसला दलितों-आदिवासियों के हित में है, या फिर विरोध में। इस लेख में यह बताने की कोशिश की गई है कि यह फैसला क्या है, और […]

‘कहाँ है जातिवाद’ की रट बनाम मोहब्बत का क़त्ल

विकास वर्मा (Vikas Verma) हमारे और आपके प्यार में अंतर है, बहुत अंतर है। आप लोग प्यार करते हो तो आपकी शादी हो जाया करती है। हम लोग प्यार करते हैं, तो हमें मार तक दिया जाता है… आपके द्वारा. आप फिर भी चौड़े होकर कहते हैं- कहाँ है जातिवाद? दरअसल आप, बस ऐसा बोलकर (अपने खुद के, अपने परिवार […]

बाबा साहेब की ‘दलित’ शब्द को लेकर साफ़ राय

satvendra madara

  सतविंदर मदारा (Satvendar Madara) दलित शब्द के इस्तेमाल को लेकर पिछले काफी समय से विवाद बना हुआ है. भारत की अनुसूचित जातियों का बुद्धिजीवी वर्ग इस विषय पर बुरी तरह बट चुका है और इसके पक्ष और विपक्ष में अलग-अलग दलीलें दी जाती हैं. पिछले दिनों भारत सरकार की तरफ से एक आदेश जारी किया गया, जिसमें इसे  इस्तेमाल […]