डॉ शीतल दिनकर आशा कांबले (Dr. Sheetal Dinkar Asha Kamble) मैं आज बहुत परेशान हूँ। देश में अमृत महोत्सव चल रहा है। देश को आज़ाद हुए 75 साल हो चुके हैं। लेकिन क्या जाति व्यवस्था खत्म हो गई है? यह कार्य अभी अधूरा पड़ा है। राजस्थान के जालोर जिले में स्वतंत्रता दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर एक बर्तन से […]
मेरे प्यारे बच्चे, हमें कभी माफ मत करना!
ऋतु ‘यायावर’ (Ritu ‘Yayawar) तुम्हारी गलती सिर्फ इतनी थी कि तुमने अपनी प्यास बुझाने के लिएउनके मटके को छू लिया था खुद को ‘ऊंचा’ कहने-समझने वाले धूर्त और पाखण्डियों केमटके को छू लिया थातुम इतने मासूम थे कि नहीं समझ पाए कि यहां पानी की भी जात होती है! पर तुम्हारे असली गुनहगार तो हम हैंकि हम सब ने अपनी- […]