धम्म दर्शन निगम (Dhamma Darshan Nigam) जो इंसान ठगी और दूसरों को मूर्ख बनाने का रास्ता अपनाता है वह सिर्फ दूसरे ठगों द्वारा ही विकास पसंद कहा जाता है. अन्यथा जीवन में असली विकास वही इन्सान करता हैं जो वैज्ञानिक, नैतिक और तर्कसंगत बात करता है. वैज्ञानिक स्वभाव वाला इंसान दूसरों से भी वास्तविकता में विश्वास रखने तथा उसमें […]
कालूड़ी गांव जिला बाड़मेर के 70 दलित परिवार गांव छोड़ने को विवश
भट्टा राम (Bhatta Ram) बाड़मेर जिले (राजस्थान) के पुलिस थाना बालोतरा के अंतर्गत कालूड़ी गांव के मेघवाल जाति जो कि एक अनुसूचित जाति है, के 70 परिवारों को बहिष्कृत कर दिया गया है। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कालूड़ी गांव के सवर्ण वर्ग के राजपुरोहितों ने दलितों को ढेढ़, नीच बोलकर पोस्ट लिखा था जिसके विरोध में रावता […]
भारत में उभर रही दलित-बहुजन क्रान्ति
संजय जोठे (Sanjay Jothe) भारत के दलितों-बहुजनों के खिलाफ जो अन्याय अत्याचार हुआ है, जो हो रहा है और जो आगे भी कुछ समय तक जारी रहेगा उसके लिए जो लोग जिम्मेदार हैं उनमे बहुत हद तक बहुजनों के हितैषी भी जिम्मेदार हैं. यह एक विचित्र और कठोर वक्तव्य है. लेकिन अनुभव बतलाता है कि यह सच बात है. […]
‘मुल्क’ फिल्म, अशराफ/सवर्ण राजनीति और पसमांदा दृष्टिकोण
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) आतंक से आतंकवाद का सफर लम्बा है. आदिकाल से मनुष्य आतंकित होता आ रहा है और आतंकित करता आ रहा है. मनुष्यों ने अपनी सत्ता को लेकर जो भी संस्था बनाई उसमे अक्सर आतंक को एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया. धर्म में ईश्वर का आतंक, परिवार में पितृसत्ता का आतंक, राज्य में सर्वभौमिक्ता का आतंक […]
आरक्षण, संविधान और बाबा साहेब के खिलाफ मनुवादी ज़हर
कुणाल रामटेके (Kunal Ramteke) दलितों, आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते जुर्म, आरक्षण के खिलाफ बनती नीतियाँ और संविधान के खिलाफ ज़हर उगलने की प्रिक्रिया इस मौजूदा मनुवादी सरकार में भयानक तेज़ी लिए हुए है. हालही में यूथ इक्वलिटी फाउंडेशन और आरक्षण विरोधी पार्टी द्वारा एस.सी./एस.टी. एक्ट में एस.एस/एस.टी समुदायों के हक में संशोधन के खिलाफ और जंतर मंतर पर संविधान […]
ख़ासी लीनिएज (lineage) बिल, संस्कृति और महिलाओं के सवाल
मोहम्मद इमरान (Mohammad Imran) पूर्वोत्तर के राज्यों में असम को छोड़ दें तो शायद ही किसी राज्य की चर्चा जोर-शोर से मेनस्ट्रीम न्यूज़ चैनलों खासकर हिंदी चैनलों में की जाती है. हाल ही में मेघालय डिस्ट्रिक्ट काउंसिल ऑफ ख़ासी हिल्स की ओर से ख़ासी हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट (ख़ासी सोशल कस्टम ऑफ लीनिएज) एक्ट 1997 में संशोधन किया गया है. […]
हाजी इकबाल पर अनुचित गैंगस्टर एक्ट सहारनपुर के विकास और शोषित-बहुजनों पर हमला है
खालिद अनीस अंसारी (Khalid Anis Ansari) बसपा के पूर्व एमएलसी और नेता हाजी इकबाल, उनके भाई एमएलसी महमूद अली और दो बेटों को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 23 जुलाई को गैंगस्टर एक्ट के तहत निरुद्ध कर दिया एवं पुत्र जावेद अली को गिरफ्तार कर लिया. छेत्र के सभी लोग जानते हैं कि हाजी इकबाल कोई बाहुबली नेता […]
हमारा गंदगी से घिरा जीवन तुम्हारे चित्रों का विषय क्यों नहीं?
एक रिपोर्ट ऋषिकेश देवेंद्र खाकसे (Hrishikesh Devendra Khakse) विख्यात कवि, चित्रकार तथा शिल्पकार डॉ. सुनील अभिमान अवचार इनके ‘आउटकास्टेड एक्सप्रेशन’ नामक चित्रप्रदर्शनी मुम्बई स्थित ‘टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान’ में सम्पन्न ‘महिलाओं के सवेतन और अवैतनिक कार्य की बदलती रूपरेखा’ इस विषयपर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर दिनांक 12 एवं 13 जुलाई 2018 को सम्पन्न हुई. अपनी वैचारिक आयु के शुरुवाती […]
‘आनंदमठ’ उपन्यास, राजनीति और बहुजन
लेनिन मौदूदी (Lenin Maududi) “पहले लोगों ने भीख मांगना शुरू किया, इसके बाद कौन भिक्षा देता है? उपवास शुरू हो गया। फिर जनता रोगाक्रांत होने लगी। गो, बैल, हल बेचे गए, बीज के लिए संचित अन्न खा गए, घर-बार बेचा, खेती-बाड़ी बेची। इसके बाद लोगों ने लड़कियां बेचना शुरू किया, फिर लड़के बेचे जाने लगे, इसके बाद गृहलक्षि्मयों का विक्रय […]
शैक्षणिक अधिकारों को हासिल करने के लिए आन्दोलन ही इक रास्ता
गुरिंदर आज़ाद राजेश कुमार आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के चेयरमैन रह चुके हैं और आजकल वे ‘एसोसिएशन ऑफ़ वालंटियर्स फॉर स्टूडेंट्स राइट्स‘ के कन्वीनर हैं जो कि एक स्वयंसेवी संस्था है और विशेषतः अनुसूचित जाति से जुड़े और विद्यार्थियों के स्कालरशिप से वाबस्ता अधिकारों पर काम कर रही है. इन समस्याओं को बेहतर तरीके से समझने एवं सुलझाने की […]